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- – यह गीत दादा जी के प्रति श्रद्धा और भक्ति व्यक्त करता है, जो नगरी के संरक्षक और बसाने वाले माने जाते हैं।
- – गीत में दादा जी के नाम का भजन करने और उनके चरणों में शीश झुकाने की बात कही गई है।
- – भक्ति भाव से दादा जी से ज्योत जगाने और मनाने की प्रार्थना की गई है।
- – कीर्तन में दादा जी की महिमा दिखाने और उनके आशीर्वाद से नगरी को सुखी बनाने की कामना की गई है।
- – गीत में भीम शर्मा पेटवाड़ द्वारा गाए जाने का उल्लेख है, जो इस भक्ति गीत के गायक हैं।

दादा जी दर्श दिखा दे हो,
हो नगरी ने बसाने आले।।
तर्ज – मेरी बिगड़ी बात बना दे हो।
तेरे नाम का भजन करा से,
चरणों में तेरे शीश धरा से,
सुनी गोद सजा दे हो,
हो नगरी ने बसाने आले।।
तेरी हो दादा ज्योत जगाऊँ,
हाथ जोड़ के तने मनाऊँ,
नैया म्हारी तिरादे हो,
हो नगरी ने बसाने आले।।
कीर्तन के म्ह एक बार आइये,
शान या तेरी सबने दिखाइये,
सिर पे हाथ टिका दे हो,
हो नगरी ने बसाने आले।।
भीम शर्मा कृपा चाहवे,
पेटवाड नगरी सुखी हो जावे,
इतना कहन पुग्गा दे हो,
हो नगरी ने बसाने आले।।
दादा जी दर्श दिखा दे हो,
हो नगरी ने बसाने आले।।
Singer – Bhim Sharma Petwar
8053943823
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