मुख्य बिंदु
- – मंसा देवी मां के दरबार में भक्त खुशी-खुशी नाचते-गाते हैं और ढोल नगाड़ों की थाप पर जयकारे लगाते हैं।
- – श्रद्धा के साथ मां के द्वार पर आने वाले कभी खाली हाथ नहीं लौटते, मां उनकी हर मनोकामना पूरी करती हैं।
- – मां सभी भोले-भाले बच्चों की रक्षा करती हैं और उनकी झोली भरती हैं, जिससे सभी के काज संवार जाते हैं।
- – मां की ज्योति से चंद्रमा, सूरज और तारे भी प्रकाश मांगते हैं, और पापी भी शरण लेकर भवसागर से पार पाते हैं।
- – चार भुजाओं वाली मां ममता से भरी हुई हैं, जो भक्तों को संकटों से निकालकर सुख-शांति प्रदान करती हैं।
भजन के बोल
आ नचियां दरबार, ते संगतां आ नचियां ॥
खुशियां दे विच, झूहमण सारे, वजदे ढोल नगाड़े,
जै जै, मंसा देवी मैया, लगदे ने जैकारे…
आ नचियां… ॥ दरबार…
श्रद्धा दे नाल, जो कोई वी, मां दे द्वारे आवे,
कदे ना खाली, मोड़े दाती, मुंह मांगिया वर पावे ॥
मांवां नूं एह, लाल बख्शदी, भैणां नूं मां भाई,,
हर मनशा, पूरी कर देंदी, मंसा देवी माई…
आ नचियां… ॥ दरबार…
भोले भाले, बच्चड़े मां दे, मां बच्चियां तों भौली,
पुत्त कुपुत्त ना, वेखे दाती, भरदी जावे झोली ॥
सभ ते करम, कमावे मैया, सभ दे काज संवारे,,
सभ दी विगड़ी, बन जांदी आ, आ के मां दे द्वारे…
आ नचियां… ॥ दरबार…
मां दी जोत तों, ज्योती मंगदे, चन्न सूरज ते तारे,
पापी वी जे, शरणी आवे, भव सागर तों तारे ॥
चार भुजावां, वाली मैया, करदी वारे नियारे,,
हाथ जोड़ के, आखे ममता, करदे पार उतारे…
आ नचियां… ॥ दरबार…