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मुख्य बिंदु
- – गुरुवार को सदगुरुजी का विशेष महत्व होता है, जो गुरुभक्ति का दिन माना जाता है।
- – गुरु के चरणों का ध्यान लगाने से मन निर्मल होता है और तन-मन-धन की समर्पणा से जीवन सफल होता है।
- – माया में लिपटे होने के कारण लोग प्रभु को भूल जाते हैं, जबकि पूर्व पुण्य से मानव शरीर प्राप्त हुआ है।
- – गुरुभक्ति से ही प्रभु की प्राप्ति संभव है, गुरु भवसागर में तारणहार की भूमिका निभाते हैं।
- – गुरु ज्ञान के दाता हैं और भक्तों के कल्याण के लिए निरंतर कार्य करते हैं।
- – भक्तों की विनती और समर्पण से गुरु की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में शांति आती है।
भजन के बोल
आज तो गुरुवार है, सदगुरुजी का वार है।
गुरुभक्ति का पी लो प्याला, पल में बेड़ा पार है ॥ 1 ॥
गुरुचरणों का ध्यान लगाओ, निर्मल मन हो जायेगा।
तन मन धन गुरु चरण चढ़ाकर, विनती बारंबार है ॥ 2 ॥
प्रभु को भूल गये औ प्यारे ! माया में लिपटाए हो।
पूर्व पुण्य से नर तन पाया, मिले न बारंबार है ॥ 3 ॥
गुरुभक्ति से प्रभु मिलेंगे, बिन गुरु गोता खायेगा।
भवसागर में डूबी नैया, सदगुरु तारणहार हैं ॥ 4 ॥
गुरु हमारे ज्ञान के दाता, भक्तों का कल्याण करो।
निर्मोही बलिहार है, अर्जी बारंबार है ॥ 5 ॥
भजन वीडियो
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