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- – यह गीत पार्वती के पुत्र, गजानंद (गणेश जी) की स्तुति में है, जिसमें उन्हें घर आने और ध्यान लगाने का निमंत्रण दिया गया है।
- – गीत में गणेश जी को रिद्धि-सिद्धि का दाता बताया गया है, जो भक्तों के सभी कार्यों को सफल बनाते हैं।
- – महादेव (शिव) और पार्वती को गणेश जी के माता-पिता के रूप में सम्मानित किया गया है।
- – गणेश जी को संकट हरने वाला और जीवन में उजियारा देने वाला माना गया है।
- – भक्तों से गणेश जी के गुणगान करने और उनके प्रति श्रद्धा रखने का आह्वान किया गया है।

आजो जी आजो थे पार्वती रा ललना,
गजानंद थारो ध्यान धरा,
थारो ध्यान धरा,
म्हारे घर आजो जी,
आजो जी आजो थे पार्वती रा ललना।।
तर्ज – खम्मा खम्मा हो रामा।
थे आजो रिद्धि सिद्धि,
सागे ल्याजो जी,
सबसु पहला सुमिरा सिद्ध,
करा सब काज जी,
आओ भक्ता रा प्रतिपाला जी,
आओ भक्ता रा प्रतिपाला जी,
थारो गुणगान करा,
आजो जी आजो थे पार्वती रा ललना।।
पिता है थारा महादेव जी,
पार्वती राखे प्यारा,
थे म्हारी नैना री ज्योति,
थासु जग उजियारा,
दीजो सगळा संकट टाल जी,
दीजो सगळा संकट टाल जी,
थारो सम्मान म्हे करा,
आजो जी आजो थे पार्वती रा ललना।।
आजो जी आजो थे पार्वती रा ललना,
गजानंद थारो ध्यान धरा,
थारो ध्यान धरा,
म्हारे घर आजो जी,
आजो जी आजो थे पार्वती रा ललना।।
Singer: Ganga Pachisia
अस्वीकरण (Disclaimer) : नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष आदि विषयों पर HinduismFAQ में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। 'HinduismFAQ' इसकी कोई ज़िम्मेदारी नहीं लेती है।
