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मुख्य बिंदु
- – गीत में यशोदा के लाल, अर्थात भगवान कृष्ण की भक्ति और उनके दर्शन की प्रार्थना की गई है।
- – जीवन में संकट और समस्याओं से उबारने के लिए कृष्ण से मदद मांगी गई है।
- – कृष्ण को दीनों के दयाल और जीवन के आधार के रूप में माना गया है।
- – भवसागर (जन्म-मरण के संसार) से मुक्ति दिलाने वाले गोपाल का गुणगान किया गया है।
- – यमुना के तट पर मुरली बजाते हुए कृष्ण के मन मोह लेने का वर्णन है।
- – भक्तों के हृदय में नंदलाल (कृष्ण) के बसने की कामना व्यक्त की गई है।
भजन के बोल
आओ यशोदा के लाल
आज मोहे दरशन से कर दो निहाल
आओ आओ आओ आओ यशोदा के लाल
नैया हमारी भंवर मे फंसी
कब से अड़ी उबारो हरि
कहते हैं दीनों के तुम हो दयाल
आओ आओ आओ आओ यशोदा के लाल
अब तो सुन लो पुकार मेरे जीवन आधार
भवसागर है अति विशाल
लाखों को तारा है तुमने गोपाल
आओ आओ आओ आओ यशोदा के लाल
यमुना के तट पर गौवें चराकर
छीन लिया मेरा मन मुरली बजाकर
हृदय हमारे बसो नन्दलाल
आओ आओ आओ आओ यशोदा के लाल
भजन वीडियो
अस्वीकरण (Disclaimer) : नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष आदि विषयों पर HinduismFAQ में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। 'HinduismFAQ' इसकी कोई ज़िम्मेदारी नहीं लेती है।