- – यह गीत आरतियों का वर्णन करता है, जो कर्मा जी की आरतियां हैं।
- – प्रत्येक आरती में विभिन्न रंगों की टोपी और कुर्तियाँ, और उनके निशानाओं का उल्लेख है।
- – गीत में विभिन्न दिशाओं (ऊगमणी, आतमणी, ध्रुव, लंकऊ, सातवीं पियाला, वेकुंठा) का भी उल्लेख है।
- – हर दिशा के साथ एक देवता या प्रतीक (सूरज, चंदा, इन्द्र, हनुमत, वासक, गोरख) जुड़ा हुआ है।
- – यह गीत राजस्थान के मावली उदयपुर के गायक जगदीश चन्द्र जटिया द्वारा गाया गया है।

आरतियां मां आरतियां,
कर्मा जी थारी आरतियां है वो जी।।
ऊगमणी दिशा मु मांजी पधारया,
सुरज लिया अगवाणी है वो जी।।
पीली वाली टोपी पीली वाली कुर्ती,
पीला उड़े निशाना है वो जी।।
आतमणी दिशा मु मांजी पधारया,
चंदा लिया अगवाणी है वो जी।।
धोली वाली टोपी धोली वाली कुर्ती,
धोला उड़े निशाना है वो जी।।
ध्रुव दिशा मु मांजी पधारया,
इन्द्र लिया अगवाणी है वो जी।।
लिली वाली टोपी लिली वाली कुर्ती,
लीला उड़े निशाना है वो जी।।
लंकऊ दिशा मु मांजी पधारया,
हनुमत लिया अगवाणी है वो जी।।
राती वाली टोपी राती वाली कुर्ती,
राता उड़े निशाना है वो जी।।
सातवीं पियाला मु मांजी पधारया,
वासक लिया अगवाणी है वो जी।।
काली वाली टोपी काली वाली कुर्ती,
काला उड़े निशाना है वो जी।।
वेकुंठा मु मांजी पधारया,
गोरख लिया अगवाणी है वो जी।।
भगवा वाली टोपी भगवा वाली कुर्ती,
भगवा उड़े निशाना है वो जी।।
आरतियां मां आरतियां,
कर्मा जी थारी आरतियां है वो जी।।
गायक – जगदीश चन्द्र जटिया।
मावली उदयपुर राजस्थान।
मोबाइल 9950647154
