भजन

आवणो पड़ेला कारज सारणों पड़ेला राजस्थानी गुरुदेव भजन – Aavano Padela Karaj Saarno Padela Rajasthani Gurudev Bhajan – Hinduism FAQ

धर्म दर्शन वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें Join Now
  • – गुरु और गोविंद दोनों एक साथ खड़े हैं, पर असली लाभ गुरु द्वारा दिए गए ज्ञान से ही होता है।
  • – प्रत्येक युग में भक्तों को कठिन तपस्या करनी पड़ी, जैसे प्रहलाद, हरिचन्द्र, जेठल और बलीचंद ने अपने-अपने युगों में।
  • – आज के समय में भी सतगुरु का आना आवश्यक है ताकि सही मार्गदर्शन मिल सके।
  • – चारों युगों के मंगल स्वरूप की स्तुति की जाती है और सतगुरु की उपस्थिति को आवश्यक माना गया है।
  • – सतगुरु के बिना जीवन का कार्य पूरा नहीं हो सकता, इसलिए वर्तमान जागरण में सतगुरु का आना अनिवार्य है।

Thumbnail for aavno-padela-satguru-lyrics

आवणो पड़ेला कारज सारणों पड़ेला,
श्लोक – गुरु गोविंद दोई खड़े,

किसके लागू पाय।
बलिहारी गुरु देव ने,
जो गोविन्द दियो बताये।।



आवणो पड़ेला कारज सारणों पड़ेला,
आज री जागन में सतगुरु आवणो पड़ेला।।



पहला युगा में भक्त प्रहलाद आया,

पांच करोड़ तपसी तारना पड़ेला।
आज री जागन में सतगुरु आवणो पड़ेला।।



दूजा युगा में राजा हरिचन्द्र आया ।

सात करोड़ तपसी तारना पड़ेला।
आज री जागन में सतगुरु आवणो पड़ेला।।



तीजा युगा में राजा जेठल आया ।

नव करोड़ तपसी तारना पड़ेला।
आज री जागन में सतगुरु आवणो पड़ेला।।



चौथा युगा में राजा बलीचंद आया,

बारह करोड़ तपसी तारना पड़ेला।
आज री जागन में सतगुरु आवणो पड़ेला।।



चारो युगों रो मंगल रूपा बाई गावे,

थाली में बाग़ लगावनो पड़ेला।
आज री जागन में सतगुरु आवणो पड़ेला।।



आवणो पड़ेला कारज सारणों पड़ेला ,

आज री जागन में सतगुरु आवणो पड़ेला।।

“श्रवण सिंह राजपुरोहित द्वारा प्रेषित”


यह भी जानें:  शिव रे स्वरुपी शान्तिनाथजी म्हारा दाता भजन - Shiv Re Swaroopi Shantinathji Mhara Data Bhajan - Hinduism FAQ
अस्वीकरण (Disclaimer) : नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष आदि विषयों पर HinduismFAQ में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। 'HinduismFAQ' इसकी कोई ज़िम्मेदारी नहीं लेती है।

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

You may also like