- – यह गीत श्याम धणी के जन्मदिन और महाबली के उत्सव की खुशी में लिखा गया है।
- – गीत में माखन मिशरी का केक और छप्पन तरह के भोग लगाने की बात कही गई है।
- – सभी लोग खुशी से झूम-झूम कर नाचने का जश्न मना रहे हैं।
- – गीत में श्याम धणी की माया और प्रेमियों की भक्ति का वर्णन है।
- – ‘माही’ नामक भजन गायक अपने दिल की बात भजन के माध्यम से व्यक्त करता है।
- – पूरे गीत में उत्सव और आनंद की भावना प्रमुख रूप से झलकती है।

आया रे जनमदिन श्याम धणी का,
उत्सव आया महाबली का,
छाई हैं खुशियाँ अपार,
नाचेंगे सब झूम झूम के,
नाचेंगे सब झूम झूम के,
छाई हैं खुशियाँ अपार,
नाचेंगे सब झूम झूम के।।
तर्ज – म्हारी रे मंगेतर।
माखन मिशरी केक मँगाओ,
छप्पन तरह के भोग लगाओ,
जीमेगा मेरा सरकार,
नाचेंगे सब झूम झूम के,
छाई हैं खुशियाँ अपार,
नाचेंगे सब झूम झूम के।।
हैप्पी बर्थडे आज मना लो,
दिल से माँगो पल में पा लो,
सच्चा है तेरा दरबार,
नाचेंगे सब झूम झूम के,
छाई हैं खुशियाँ अपार,
नाचेंगे सब झूम झूम के।।
तेरी माया तू ही जाने,
प्रेमी तेरे हैं दीवाने,
द्वारे पे लगी है कतार,
नाचेंगे सब झूम झूम के,
छाई हैं खुशियाँ अपार,
नाचेंगे सब झूम झूम के।।
‘माही’ तेरे भजन सुनाता,
अपने दिल की तुम्हे बताता,
कर लेना स्वीकार,
नाचेंगे सब झूम झूम के,
छाई हैं खुशियाँ अपार,
नाचेंगे सब झूम झूम के।।
आया रे जनमदिन श्याम धणी का,
उत्सव आया महाबली का,
छाई हैं खुशियाँ अपार,
नाचेंगे सब झूम झूम के,
नाचेंगे सब झूम झूम के,
छाई हैं खुशियाँ अपार,
नाचेंगे सब झूम झूम के।।
स्वर – महेश माहि।
