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मुख्य बिंदु
- – यह कविता ईश्वर से प्रार्थना है कि हमारे कर्म नेक हों और बुराई से बचाएं।
- – अंधकार और कठिनाइयों के बीच ईश्वर की रोशनी से जीवन में उजाला आए।
- – इंसान कमजोर है, लेकिन ईश्वर की दया से ही जीवन स्थिर और सुरक्षित होता है।
- – जुल्मों और बुराइयों का सामना करते समय ईश्वर का सहारा चाहिए।
- – प्रेम और भलाई को बढ़ावा देना चाहिए, न कि बदले की भावना।
- – अंत में, ईश्वर से यह विनती है कि हम ऐसे कर्म करें कि जीवन हँसते हुए समाप्त हो।

भजन के बोल
ऐ मालिक तेरे बंदे हम,
ऐसे हो हमारे करम
नेकी पर चले और बदी से टले,
ताकी हँसते हुये निकले दम
ये अंधेरा घना छा रहा,
तेरा इन्सान घबरा रहा
हो रहा बेख़बर, कुछ ना आता नज़र,
सुख का सूरज छुपा जा रहा
है तेरी रोशनी में वो दम,
तो अमावस को कर दे पूनम
बड़ा कमजोर है आदमी,
अभी लाखों हैं इस में कमी
पर तू जो खड़ा, है दयालू बड़ा,
तेरी क्रिपा से धरती थमी
दिया तूने हमें जब जनम,
तू ही झेलेगा हम सब के ग़म
जब जुल्मों का हो सामना,
तब तू ही हमें थामना
वो बुराई करें, हम भलाई भरें,
नहीं बदले की हो कामना
बढ़ उठे प्यार का हर कदम,
और मिटे बैर का ये भरम
ऐ मालिक तेरे बंदे हम,
ऐसे हो हमारे करम
नेकी पर चले और बदी से टले,
ताकी हँसते हुये निकले दम
भजन वीडियो
अस्वीकरण (Disclaimer) : नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष आदि विषयों पर HinduismFAQ में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। 'HinduismFAQ' इसकी कोई ज़िम्मेदारी नहीं लेती है।
