- – यह गीत प्रेम और विरह की भावनाओं को दर्शाता है, जिसमें प्रेमी अपने प्रिय कन्हैया (श्री कृष्ण) की प्रतीक्षा कर रहा है।
- – गीत में विरह की पीड़ा और यादों की तीव्रता को बयां किया गया है, जो जीवन को फीका और अधूरा महसूस कराती है।
- – प्रेमी खुद को सेवक और भगवान को स्वामी मानते हुए उनसे प्रेम और दर्शन की प्रार्थना करता है।
- – कन्हैया की सूरत, अदाएँ और मधुर आँखों का वर्णन करते हुए उनकी चाहत और प्रेम की तीव्रता को उजागर किया गया है।
- – गीत में प्रेमी की आत्मीयता और विश्वास दिखता है कि कन्हैया के प्रेम और सान्निध्य से ही उसका दर्द और पीड़ा मिटेगी।
- – समग्र रूप से यह गीत भक्ति और प्रेम की गहराई को सुंदर शब्दों में प्रस्तुत करता है।

आँखो को तेरा इंतजार,
प्यारे दर्श दिखा दे एक बार तो,
आँखो को तेरा इंतजार हो,,
आजा कन्हैया आजा,
आजा कन्हैया आजा।।
तर्ज – तुझको पुकारे मेरा प्यार।
पीड़ा विरह की हरपल रुलाए मुझे,
याद में तेरी,
रंग जगत के लगते है फीके प्यारे,
चाहत में तेरी,
तू ही तो मेरा दिलदार,
प्यारे दर्श दिखा दे एक बार तो,
आँखो को तेरा इंतजार।।
मैं सेवक तू मेरा है स्वामी,
यहाँ कौन है मेरा,
तुम ना सुनो तो किसको सुनाऊँ,
प्यारे दर्द ये मेरा,
करले तू करले मुझसे प्यार,
प्यारे दर्श दिखा दे एक बार तो,
आँखो को तेरा इंतजार।।
साँवली सूरत बांकी अदाएँ तेरी,
जी ललचाए,
मद भरी अँखियाँ अधर रसीले सोए,
प्यास जगाए,
बन जाओ शीतल धार,
प्यारे दर्श दिखा दे एक बार तो,
आँखो को तेरा इंतजार।।
अपने गले से आके लगाले मुझे,
श्याम पिया रे,
दर्दे जिगर का दर्द मिटा दे,
‘नंदू’ तेरे ही सहारे,
मुझको तो तेरा आधार,
प्यारे दर्श दिखा दे एक बार तो,
आँखो को तेरा इंतजार।।
आँखो को तेरा इंतजार,
प्यारे दर्श दिखा दे एक बार तो,
आँखो को तेरा इंतजार हो,,
आजा कन्हैया आजा,
आजा कन्हैया आजा।।
Singer – Babli Sharma (Bhatinda)
