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- – यह कविता हनुमान जी की अनोखी और भव्य झाँकी का वर्णन करती है।
- – हनुमान जी को मुकुट, कुंडल, हार, तिलक और पाव में पायल जैसी अलंकरणों से सजाया गया है।
- – उनकी छवि में राम का वास और उनके अंगों में शक्ति का प्रतीक दिखाया गया है।
- – लक्ष्मण की मूर्छा के समय हनुमान द्वारा संजीवनी बूटी लाने की कथा का उल्लेख है।
- – यह झाँकी माँ अंजनी के लाल और सालसर हनुमान की महिमा को दर्शाती है।

अनोखी थारी झाँकी,
अनोखी थारी झाकी,
ओ म्हारा माँ अंजनी का लाल,
अनोखी थारी झाँकी,
ओ म्हारा सालसर हनुमान,
अनोखी थारी झाँकी।।
थारे सर पे मुकुट विराजे
कानो में कुंडल साजे
थारे गले विराजे हार
अनोखी थारी झाँकी।।
थारे नैणा सुरमो साजे
माथे पे तिलक विराजे
बाबा मुख में नागर पान,
अनोखी थारी झाँकी।।
थारे पाव पैजनिया साजे,
चलता में रूण झुण बाजे,
ओ बाबा या छवि की बलिहार,
अनोखी थारी झाँकी।।
थारे अंग में चोला साजे
उपर से बर्क विराजे
थारे रोम रोम में राम
अनोखी थारी झाँकी।।
लक्ष्मण जब मूर्छित पाए
संजीवन बूटी ल्याये
ओ बाबा लाए पहाड़ उठाए
अनोखी थारी झाँकी।।
अनोखी थारी झाकी,
अनोखी थारी झाकी,
ओ म्हारा माँ अंजनी का लाल,
अनोखी थारी झाकी,
ओ म्हारा सालसर हनुमान,
अनोखी थारी झाँकी।।
अस्वीकरण (Disclaimer) : नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष आदि विषयों पर HinduismFAQ में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। 'HinduismFAQ' इसकी कोई ज़िम्मेदारी नहीं लेती है।
