- – गीत में प्रेम और अपनापन की भावनाओं को खूबसूरती से व्यक्त किया गया है, जिसमें प्रेमी से अपने दिल और जीवन को समर्पित करने की गुजारिश की गई है।
- – वृंदावन का उल्लेख प्रेम और आध्यात्मिकता का प्रतीक है, जहां प्रेमी अपने प्रिय के साथ बसने की इच्छा जताता है।
- – गीत में जीवन की अनमोलता और समय की नश्वरता को दर्शाया गया है, जिसमें कहा गया है कि एक दिन सब कुछ छोड़कर जाना होगा।
- – प्रेमी अपने साथी से विश्वास और साथ निभाने की उम्मीद करता है, और जीवन की कठिनाइयों में भी साथ रहने की बात करता है।
- – गीत की भाषा सरल और भावुक है, जो सुनने वाले के दिल को छू जाती है और प्रेम की गहराई को दर्शाती है।
- – स्वर चित्र विचित्र जी महाराज का है और प्रेषक पूजा गगनेजा हैं, जो इस गीत को और भी प्रभावशाली बनाते हैं।

अपना बना ले मैनू सोणेया,
चरणी लगा ले मैनू सोणेया,
मैनू अपना बना ले,
कदे ता चरणी ला ले,
नाले दिल दे ला ले,
वृदावन वीच बसा ले,
अपना बना ले मेनू सोणेया,
चरणी लगा ले मैनू सोणेया।।
मेरी जिंदगी निमाणी,
मेरी जिंदगी निमाणी,
मेरी जिंदगी निमाणी,
वे तेरी मेरी कहानी,
वे कई सदियों पुरानी,
वे तू ही तो दिलबर जानी,
अपना बना ले मेनू सोणेया,
चरणी लगा ले मैनू सोणेया।।
चना ना कर आडिया,
चना ना कर आडिया,
चना ना कर आडिया,
वे आखा तेरे नाल लडिया,
वे बाहा तेरीया फडिया,
वे तेरे दर ते खडिया,
अपना बना ले मेनू सोणेया,
चरणी लगा ले मैनू सोणेया।।
एक दिन टूर जावागे,
एक दिन टूर जावागे,
एक दिन टूर जावागे,
फिरे ना मूड के आवागे,
गुण तेरे ही गावागे,
लगी तोड निभावागे,
अपना बना ले मेनू सोणेया,
चरणी लगा ले मैनू सोणेया।।
साडे बाके बिहारी,
साडे बाके बिहारी,
साडे बाके बिहारी,
ऐ पागल दुनिया सारी,
वे ‘चित्र विचित्र’ दी यारी,
गोपाली जावे वारी,
अपना बना ले मेनू सोणेया,
चरणी लगा ले मैनू सोणेया।।
अपना बना ले मैनू सोणेया,
चरणी लगा ले मैनू सोणेया,
मैनू अपना बना ले,
कदे ता चरणी ला ले,
नाले दिल दे ला ले,
वृदावन वीच बसा ले,
अपना बना ले मेनू सोणेया,
चरणी लगा ले मैनू सोणेया।।
स्वर – चित्र विचित्र जी महाराज।
प्रेषक – पूजा गगनेजा।
