- – धन दौलत से जीवन सफल नहीं होता, बल्कि हरि (ईश्वर) के चरणों में मन लगाने से सफलता मिलती है।
- – जीवन में ईश्वर की भक्ति और ध्यान से ही सच्चा सुख और शांति प्राप्त होती है।
- – हमें जीवन की कठिनाइयों में हार नहीं माननी चाहिए, बल्कि ईश्वर का स्मरण कर जीवन को पार करना चाहिए।
- – ज्ञान का दीपक जलाकर अज्ञानता और अंधकार को दूर करना आवश्यक है।
- – भक्ति और ईश्वर के प्रति समर्पण से मन में उजाला और जीवन में सफलता आती है।
अरे मूरख ये धन दौलत,
किसी के काम न आए,
लगा हरि चरणो में मन को,
सफल जीवन ये हो जाए।।
तर्ज – भरी़ दुनिया में आखिर दिल।
तुझे हँसा बना भेजा,
जगत मे मोती चुनने को,
जगत मे मोती चुनने को,
मगर तू कागा बन बैठा,
तुझे गँदगी ही तो भाए,
लगा हरि चरणो में मन को,
सफल जीवन ये हो जाए।।
तुझे दे दी है ये कश्ती,
डुबो या पार तू होजा,
डुबो या पार तू होजा,
अरे पगले हरि भजले,
तो नैया पार हो जाए,
लगा हरि चरणो में मन को,
सफल जीवन ये हो जाए।।
बसा के दिल मे ईश्वर को,
जलाले ज्ञान का दीपक,
जलाले ज्ञान का दीपक,
अरे नादान करो नित ध्यान,
उजाला घट मे हो जाए,
लगा हरि चरणो में मन को,
सफल जीवन ये हो जाए।।
अरे मूरख ये धन दौलत,
किसी के काम न आए,
लगा हरि चरणो में मन को,
सफल जीवन ये हो जाए।।
– भजन लेखक एवं प्रेषक –
शिवनारायण वर्मा,
मोबा.न.8818932923
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