कि बन गए नन्दलाल लिलिहारि,री लीला गुदवाय लो प्यारी । दृगन पै लिख दे दीनदयालनासिका पै लिख दे नन्दलालकपोलन पै लिख दे गोपालमाथे लिख दे, मोहन लालश्रवनन पै लिख सांवरो, अधरन आनंदकंद,ठोड़ी पै ठाकुर लिखो, गले में गोकुलचन्द ।छाती पै लिख छैल, बाँहन पै लिख दे बनवारी ।कि बन गए नन्दलाल लिलिहारि,री लीला गुदवाय लो …
