- – यह भजन भगवान शिव के भोलेनाथ रूप की स्तुति करता है, जिन्हें बाबा भोले कहा गया है।
- – भजन में शिव के माथे पर चंद्रमा, जटाओं में गंगा, कानों में कुण्डल और गले में सर्पों का हार का वर्णन है।
- – नंदीश्वर और गौरी गणेश के संग रहने का उल्लेख है, जो शिव परिवार के प्रमुख सदस्य हैं।
- – धतूरा और भंग के उपयोग से शिव के महेश्वर रूप का बखान किया गया है।
- – भक्तों की मनोकामनाओं की पूर्ति और कष्टों का नाश करने वाले भोलेनाथ की महिमा गाई गई है।
- – पूरे भजन में बाबा भोलेनाथ की सरलता, करुणा और त्रिभुवनेश्वर के रूप में उनकी महत्ता को दोहराया गया है।

बाबा भूतेश्वर भोलेनाथ,
बाबा भोले है,
भोले है बाबा भोले है,
भोले है बाबा भोले है,
बाबा त्रिभुवनेश्वर भोलेनाथ,
बाबा भोले है।।
माथे पे थारे चन्द्रमा सोहे,
थारी जटा में गंगा जी की धार,
बाबा भोले है,
थारी जटा में गंगा जी की धार,
बाबा भोले है,
बाबा भुतेश्वर भोलेनाथ,
बाबा भोले है।।
कानों में कुण्डल मनवा मोहे,
थारे गले में सर्पों का हार,
बाबा भोले है,
थारे गले में सर्पों का हार,
बाबा भोले है,
बाबा भुतेश्वर भोलेनाथ,
बाबा भोले है।।
नंदीश्वर नंदी असवारी,
थारे संग में गौरी गणेश,
बाबा भोले है,
थारे संग में गौरी गणेश,
बाबा भोले है,
बाबा भुतेश्वर भोलेनाथ,
बाबा भोले है।।
आक धतूरा भंगिया थारी,
थारे भोग लगत है महेश,
बाबा भोले है,
थारे भोग लगत है महेश,
बाबा भोले है,
बाबा भुतेश्वर भोलेनाथ,
बाबा भोले है।।
भक्त की मंडल की अर्जी बाबा,
म्हारा काटो सकल कलेश,
बाबा भोले है,
म्हारा काटो सकल कलेश,
बाबा भोले है,
बाबा भुतेश्वर भोलेनाथ,
बाबा भोले है।।
बाबा भूतेश्वर भोलेनाथ,
बाबा भोले है,
भोले है बाबा भोले है,
भोले है बाबा भोले है,
बाबा त्रिभुवनेश्वर भोलेनाथ,
बाबा भोले है।।
