- – यह भजन बाबा हरजी की भक्ति और उनके प्रति श्रद्धा को व्यक्त करता है, जिसमें उनके विभिन्न महीनों के प्रभाव और प्राकृतिक घटनाओं का वर्णन है।
- – भजन में बाबा हरजी को इंद्र देवता के रूप में पूजा गया है, जो सभी काजों को सफल बनाते हैं और भक्तों की रक्षा करते हैं।
- – प्रत्येक महीने के मौसम और कृषि से जुड़ी परिस्थितियों का उल्लेख है, जैसे सावन में बारिश, भाद्रवा में नदियाँ भरना, अशोज में अमृत वर्षा आदि।
- – भजन में बाबा हरजी के आशीर्वाद से जीवन में सुख-शांति, समृद्धि और प्राकृतिक संतुलन की कामना की गई है।
- – गायक श्याम पालीवाल और भजन प्रेषक श्रवण सिंह राजपुरोहित द्वारा प्रस्तुत यह भजन राजस्थान की लोकभक्ति संस्कृति का हिस्सा है।
बाबा डावा हाथ में थी भालो जेलियो,
हरजी भाटी बोलिया,
और सुन बाबा म्हारी बात,
मीणो दिनों थारा भक्त ने,
लाज रखो किरतार,
रुनेजे वाला लाज रखो किरतार।
बाबा डावा हाथ में थी भालो जेलियो,
जीमना में घोड़े री लगाम,
बाबा हरजी बुलावे थी वेगा पधारो,
सुनजो थी रूनीजा रा श्याम,
हमी इंद्र देवता म्हारी अर्ज सांभलो,
हमी आप आया सब काज सरे,
गाया वाली बेल पधारो,
तिरछी गाया भूखे मरे।।
बाबा ज्येठ महीने पवन घणो वाजे,
पड़े तावड़ो धरती तपे,
बाबा सात सरेया रा,
नीर सुखोना नव खंड में झंकार पड़े।।
बाबा अषाढ़ महीने अलख थोरी,
आशा कर्षा हुआ खरे मते,
बाबा धोरे धोरे मोट बाजरी,
डेले डेले ज्वार वले।।
बाबा सावन महीने सुरंगों गाजे,
सूखा सरवर फेर भरे,
हमी दादुर मोर पपैय्या बोले,
आठु पोर आवाज करे।।
बाबा भाद्रवा में भली कर आवो,
मुसलाधारा मेह वरे,
बाबा नदिया नाला आवे सोगना,
गाया हरियो घास चारे।।
बाबा अशोज महीने अम्रत मेहुड़ा,
अमी फवारा री साट पड़े,
बाबा सिप सायरा में मोती निपजे,
समुन्द्र जाए सगाल करे।।
बाबा काती महीने लोह लावणी,
आये शक्ति माँ हाथ धरे,
अन धन पीरा होवे सोगना,
कण सु कोटार भरे।।
बाबा हरजी बेले रामा पीर पधारिया,
लीले घोड़े हिस करे,
बाबा हरी शरणा में भाटी हरजी रे,
बोले भावतजिया भगवान मिले।।
बाबा डावा हाथ में थी भालो जेलियो,
जीमना में घोड़े री लगाम,
बाबा हरजी बुलावे थी वेगा पधारो,
सुनजो थी रूनीजा रा श्याम,
हमी इंद्र देवता म्हारी अर्ज सांभलो,
हमी आप आया सब काज सरे,
गाया वाली बेल पधारो,
तिरछी गाया भूखे मरे।।
गायक – श्याम पालीवाल जी।
भजन प्रेषक – श्रवण सिंह राजपुरोहित।
सम्पर्क – +91 90965 58244