- – बाबा के दरबार का माहौल बहुत ही सुहाना और भक्तों के लिए आकर्षक होता है।
- – भक्त बड़ी श्रद्धा और प्यार से बाबा की कुटिया सजाते हैं और उनकी मूर्ति की पूजा करते हैं।
- – रंग-बिरंगे फूलों से सजावट कर बालाजी की सूरत को खास और प्यारा माना जाता है।
- – भक्त बाबा की राहों को अपनी पलकों से सजाते हैं और उनकी उपस्थिति के लिए हमेशा पुकारते हैं।
- – भक्त बाबा की चोखट पर बैठकर उनकी महिमा का गुणगान करते हैं और अपने रिश्ते को निभाने का संकल्प लेते हैं।
- – समग्र रूप से, बाबा का दरबार भक्तों के दिलों को दीवाना बना देता है।

बाबा का दरबार सुहाना लगता है,
तर्ज – दूल्हे का सेहरा सुहाना लगता है
बाबा का दरबार सुहाना लगता है,
भक्तों का तो दिल दीवाना लगता है।।
हमने तो बड़े प्यार से कुटिया बनायीं है,
कुटिया में बाबा तेरी मूरत सजाई है,
अच्छा हमें तुमको सजाना लगता है,
भक्तों का तो दिल दीवाना लगता है।।
रंग बिरंगे फूलो की लड़िया लगे प्यारी,
बालाजी तेरी सूरत हमे लागे बड़ी न्यारी,
अच्छा हमें तुझको मनाना लगता है,
भक्तों का तो दिल दीवाना लगता है।।
हम तेरी राहों को पलकों से बुहारेंगे,
तुम ना आओगे तो बाबा तुम्हें पुकारेंगे,
अच्छा हमें तुझको बुलाना लगता है,
भक्तों का तो दिल दीवाना लगता है।।
हम तेरी चोखट पे बाबा बिछ बिछ जायेंगे,
कहते है भक्त तेरी महिमा गाएँगे,
अच्छा हमे रिश्ता निभाना लगता है,
भक्तों का तो दिल दीवाना लगता है।।
बाबा का दरबार सुहाना लगता है,
भक्तों का तो दिल दीवाना लगता है।।
