- – गीत में बाबा श्याम की हवेली का सुंदर और मनमोहक वर्णन किया गया है, जहां प्यारे नज़ारे और सजधज का माहौल है।
- – “मेरा यार सांवरिया” के रूप में प्रेमी की सुंदरता, उसकी आँखों का काजल, घुंघराले बाल और मनमोहक चाल का बखान किया गया है।
- – प्रेमी की अदाओं और उसकी मोहक चितवन को देखकर दिल पागल हो जाता है और उसे बार-बार देखने की इच्छा होती है।
- – गीत में सांवरिया को बहुत प्यारा, सोना और दिलदार बताया गया है, जो सभी को दीवाना बना देता है।
- – स्वर कुमारी गुंजन द्वारा प्रस्तुत यह गीत प्रेम और भक्ति की भावनाओं को खूबसूरती से व्यक्त करता है।

बाबा श्याम की हवेली,
ये है बड़ी अलबेली,
बड़े सुन्दर नज़ारे,
लगते है प्यारे प्यारे,
इसमें सजधज बैठा,
मेरा यार सांवरिया,
सोणा सोणा बड़ा सोणा,
मेरा यार सांवरिया।।
तर्ज – लौंग लाची।
हो तेरी आँखों का ये काजल,
हमें करता है घायल,
तेरा देख के श्रृंगार,
दिल हो जाता है पागल,
तेरी अँखियों से झलके,
बड़ा प्यार सांवरिया,
सोणा सोणा बड़ा सोणा,
मेरा यार सांवरिया।।
तेरे घुंगर वाले बाल,
तेरे मोटे मोटे गाल,
तेरे होंठो पे मुरलिया,
तेरी तिरछी सी चाल,
तेरी बांकी सी अदाएं,
दिलदार सांवरिया,
सोणा सोणा बड़ा सोणा,
मेरा यार सांवरिया।।
तेरी चितवन बांकी बांकी,
तेरी मनमोहनी है झांकी,
जो भी देखे तुमको कान्हा,
वो तो हो जाए दीवाना,
‘हंस’ नज़र उतारे,
बार बार सांवरिया,
सोणा सोणा बड़ा सोणा,
मेरा यार सांवरिया।।
बाबा श्याम की हवेली,
ये है बड़ी अलबेली,
बड़े सुन्दर नज़ारे,
लगते है प्यारे प्यारे,
इसमें सजधज बैठा,
मेरा यार सांवरिया,
सोणा सोणा बड़ा सोणा,
मेरा यार सांवरिया।।
स्वर – कुमारी गुंजन।
