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हो हो बालाजी मेरा संकट काटो ने भजन लिरिक्स – Ho Ho Balaji Mera Sankat Kato Ne Bhajan Lyrics – Hinduism FAQ

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  • – यह भजन बालाजी से संकट मुक्ति की प्रार्थना करता है, जिसमें भक्त अपने दुखों और परेशानियों से निजात पाने की विनती करता है।
  • – भजन में परिवारिक तनाव और सामाजिक समस्याओं का उल्लेख है, जैसे सासुजी की नाराजगी और घर में असहज स्थिति।
  • – भक्त बालाजी के चरणों में शीश नवाकर और भक्ति भाव से संकटों के निवारण की कामना करता है।
  • – भजन में बालाजी के प्रति गहरी श्रद्धा और विश्वास व्यक्त किया गया है कि वे संकटों को दूर करेंगे और जीवन में सुख-शांति लाएंगे।
  • – गीत में भक्त अपने दुःखों और कष्टों का वर्णन करते हुए बालाजी से दया और सहायता की प्रार्थना करता है।
  • – यह भजन नरेन्द्र कौशिक द्वारा गाया गया है और राकेश कुमार जी द्वारा प्रेषित है, जो रोहतक के खरक जाटान से हैं।

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हो हो बालाजी मेरा संकट काटो ने,
हो इधर उधर न डोल रहया,
मेरे दिल ने डाटो न,
हो हो बालाजी मेरा संकट काटो न।।



तेरे भवन प आगी बाबा,

दया करो न मेरे प,
तेरे चरणां में शीश नवाऊँ,
धज्जा चढ़ाऊँ तेरे प,
दुर दुर तं दुखिया आवं,
मेंहदीपुर डेरे प,
तेरे चरणां में आण पड़ी,
मेरा साटा साटो न,
हों हो बालाजी मेरा संकट काटो ने,
हो इधर उधर न डोल रहया,
मेरे दिल ने डाटो न,
हो हो बालाजी मेरा संकट काटो न।।



सासु जी भी न्युं बोली तुं,

बिल्कुल बांझ लुगाई स,
आपणे पीहर चाली जा,
आड़ः के तेरी असनाई स,
छोटा देवर न्युं बोला या,
छलिया घणी लुगाई स,
घर तं बेघर करण लाग रहे,
दुख ने काटो न,
हो हो बालाजी मेरा संकट काटो ने,
हो इधर उधर न डोल रहया,
मेरे दिल ने डाटो न,
हो हो बालाजी मेरा संकट काटो न।।

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तेरे भवन प आगी बाबा,

गोद भरा क जाऊँगी,
मेरी कामना पुरी करदे,
फेर भवन प आऊँगी,
यो अहसान मेरे प करदे,
दुनिया में गुण गाऊँगी,
ताने सुण सुण रूप बिगड़ गया,
रंग ने छाटो न,
हो हो बालाजी मेरा संकट काटो ने,
हो इधर उधर न डोल रहया,
मेरे दिल ने डाटो न,
हो हो बालाजी मेरा संकट काटो न।।



कह मुरारी तेरे भवन का,

दुनिया के महां बैरा स,
दुख चिंता में शरीर पड़ा,
यो चारों ओर अँधेरा स,
और जुल्म मै सहन ना सकती,
इतणा कष्ट भतेरा स,
जै कोये खत होई मेरे तं,
बेसक नाटो न,
हो हो बालाजी मेरा संकट काटो ने,
हो इधर उधर न डोल रहया,
मेरे दिल ने डाटो न,
हो हो बालाजी मेरा संकट काटो न।।



हो हो बालाजी मेरा संकट काटो ने,

हो इधर उधर न डोल रहया,
मेरे दिल ने डाटो न,
हो हो बालाजी मेरा संकट काटो न।।

गायक – नरेन्द्र कौशिक।
भजन प्रेषक – राकेश कुमार जी,
खरक जाटान(रोहतक)
( 9992976579 )


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