- – यह भजन श्री बांके बिहारी जी से दुखों को दूर करने की प्रार्थना करता है।
- – भजन में कहा गया है कि जो भी बांके बिहारी के दर पर आता है, उसके सारे दुख मिट जाते हैं।
- – जनम-जनम के पाप और भटकाव से मुक्ति पाने की भी याचना की गई है।
- – भजन में शबरी, अहिल्या और अन्य भक्तों का उल्लेख है, जिन्हें बांके बिहारी ने पार लगाया।
- – बांके बिहारी की पीताम्बर वेशभूषा और राधा के साथ उनकी लीला का वर्णन भी किया गया है।
- – पूरे भजन में बांके बिहारी से प्रेम और भक्ति की भावना झलकती है, जो दुखों को दूर करने वाले हैं।
बांके बिहारी रे दूर करो दुख मेरा,
दूर करो दुख मेरा, बिहारी जी,
श्री बांके बिहारी रे दूर करो दुख मेरा।।
सुना है जो तेरे दर पे आए,
उसके सब दुखड़े मिट जाए,
आया शरण तिहारी रे,
आया शरण तिहारी रे,
अब दूर करो दुख मेरा,
श्री बांके बिहारी रे दूर करो दुख मेरा।।
जनम जनम का मैं हूँ भटका ,
बेड़ा आज भवर में अटका,
पार करो बनवारी रे,
अब दूर करो दुख मेरा,
श्री बांके बिहारी रे दूर करो दुख मेरा।।
शबरी अहिल्या गणिका नारी,
सब ही तुमने पार उतारी,
आयी मेरी बारी रे,
अब दूर करो दुख मेरा,
श्री बांके बिहारी रे दूर करो दुख मेरा।।
मोर मुकुट पीताम्बर धारी,
संग में हो श्री राधा प्यारी,
मेरे गिरवर धारी रे,
अब दूर करो दुख मेरा,
श्री बांके बिहारी रे दूर करो दुख मेरा।।
बांके बिहारी रे दूर करो दुख मेरा,
दूर करो दुख मेरा, बिहारी जी,
श्री बांके बिहारी रे दूर करो दुख मेरा।।
Singer – Acharya Bhrigu Ji Maharaj