- – गीत में बरसाने आने की तीव्र इच्छा और वहां आने से मन को शांति मिलने की भावना व्यक्त की गई है।
- – लेखक ने सोना-चांदी जैसी सांसारिक वस्तुओं की बजाय अपने प्रेम और भक्ति को अधिक महत्व दिया है।
- – चौखट पर जीने-मरने की तमन्ना और भगवान के दर्शन से हृदय को अपार सुख मिलता है।
- – सेवा और भक्ति के माध्यम से भगवान की कृपा प्राप्ति और खुशियों की प्राप्ति का वर्णन किया गया है।
- – गीत में भगवान की रहमत और कृपा की महत्ता को दर्शाया गया है, जो जीवन में शांति और संतोष लाती है।
- – बार-बार बरसाने आने की लालसा और वहां की आध्यात्मिक अनुभूति को प्रमुखता से प्रस्तुत किया गया है।

बरसाने ना जाऊं तो जी घबराता है,
आके तेरे बरसाने हमको चैन आता है,
हाँ हमको चैन आता है।।
तर्ज – तुझको ना देखूं तो।
सोना और चांदी हमको ना भाए,
जो कुछ भी है अपना तुझपे लुटाए,
आखिरी तमन्ना बस ये है हमारी,
जीना और मरना चौखट पे तुम्हारी,
तेरे दर्शन को दिल मेरा भागा आता है,
तेरे दर्शन को दिल मेरा भागा आता है,
आके तेरे बरसाने हमको चैन आता है,
हाँ हमको चैन आता है।।
फूलों से सजता है ये दर तुम्हारा,
सेवा करता तेरी एक ग्वाला,
चरणों में बैठा ब्रम्हांड सारा,
जो भी कोई आता खाली ना जाता,
खुशियों से झोली हर कोई भरले जाता है,
खुशियों से झोली हर कोई भरले जाता है,
आके तेरे बरसाने हमको चैन आता है,
हाँ हमको चैन आता है।।
तेरी ये रहमत तबसे मिली है,
जबसे तेरी चौखट हमने मली है,
तेरी ये किरपा हमपे रहे यूँ,
तेरे ही दर पर आते रहे यूँ,
तेरे बिना ‘राहुल’ को कोई और ना भाता है,
तेरे बिना ‘राहुल’ को कोई और ना भाता है,
आके तेरे बरसाने हमको चैन आता है,
हाँ हमको चैन आता है।।
बरसाने ना जाऊं तो जी घबराता है,
आके तेरे बरसाने हमको चैन आता है,
हाँ हमको चैन आता है।।
Singer – Rahul Sehgal
