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- – यह गीत भगवान गजानंद (हनुमान जी) के आगमन और उनके भव्य जागरण का आह्वान करता है।
- – गीत में रणत भँवर (रणभूमि के वीर) के साथ शुभ और लाभकारी अवसरों के आने का संदेश है।
- – शिव शंकर और पार्वती माता का उल्लेख करते हुए, घर-घर देवताओं की पूजा का महत्व बताया गया है।
- – भोग में पान, सुपारी और लड्डू अर्पित करने की परंपरा का वर्णन है।
- – बाई मीरा के भजन और शरणागतों की भक्ति का उल्लेख है, जो भगवान के प्रति समर्पण दर्शाता है।
- – गीत का गायन ईश्वर सिंह परमार द्वारा किया गया है, जो राजसमंद से हैं।

बेगा आवो जी गजानंद,
रमता आवो जी,
देवा जागण भारी जगावाजी,
थे बेगा आवोजी।।
रणत भँवर सु आवो,
संग रिधिया सीदीया लावो,
रणत भँवर सु आवो,
संग रिधिया सीदीया लावो,
संग शुभ ओर लाभ पधारो जी,
थे बेगा आवोजी।।
शिव शंकर पिता केवाया,
पार्वता गोद खिलाया,
शि वशंकर पिता केवाया,
पार्वता गोद खिलाया,
हो देवा घर घर आप पुजाया जी,
थे बेगा आवोजी।।
पान सुपारी चढावा,
लड्डूअन.रो भोग लगावा,
पान सुपारी चढावा,
लड्डूअन.रो भोग लगावा,
देवा रूस-रुस भोग लगावो जी,
थे बेगा आवोजी।।
बाई मीरा जस गावे,
शरणा मे शिश नवावे,
बाई मीरा जस गावे,
शरणा मे शिश नवावे,
मारो बेडो पार लगावो जी,
थे बेगा आवोजी।।
बेगा आवो जी गजानंद,
रमता आवो जी,
देवा जागण भारी जगावाजी,
थे बेगा आवोजी।।
Singer – Ishwar Singh Parmar,
Rajsamand Mob. 9799849356
अस्वीकरण (Disclaimer) : नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष आदि विषयों पर HinduismFAQ में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। 'HinduismFAQ' इसकी कोई ज़िम्मेदारी नहीं लेती है।
