- – यह गीत माँ भीमेश्वरी की भक्ति और उनकी कृपा की प्रार्थना करता है, जिसमें भक्त अपनी बारी आने की उम्मीद करता है।
- – भक्त माँ से रोज़ाना छोटी-छोटी मांगें नहीं करता, बल्कि एक बार पूरी झोली भर देने की विनती करता है ताकि परिवार खुशहाल रहे।
- – गीत में माँ से ऊँची कोठी, कारोबार और समृद्धि की भी कामना की गई है, जो भक्त की जीवन में खुशहाली लाए।
- – माँ को जग की महतारी बताया गया है, जो कभी अपने भक्तों को निराश नहीं करती और हमेशा उनकी रक्षा करती है।
- – भक्त माँ से वादा करने को कहता है कि शुभम जैसे लाडलों की याद में उनका आशीर्वाद और हाथ हमेशा सिर पर रहेगा।
- – गीत में गायक शुभम रिठालिया और लेखक प्रिंस जैन का उल्लेख है, जो इस भक्ति गीत को प्रस्तुत करते हैं।

बेरी आली मात भीमेश्वरी,
कहै तनै दुनिया सारी,
लाखों भगत तनै तारे मैया,
इबकै सै मेरी बारी।।
रोज रोज ना माँगू मैया,
एकबै झोली भरदे तू,
सारा कुनबा मौज करै माँ,
इसा गुज़ारा कर दे तू,
आज कोए इसा वर दे तू,
खिल जा जीवन की फुलवारी,
लाखों भगत तनै तारे मैया,
इबकै सै मेरी बारी।।
कोठी बंगले ऊँचे दे दे,
ऊँचे कारोबार री,
लाल फरारी चाहे फोरचुनर,
चाहे तू दे दे थार री,
मेरी अर्ज़ी कर स्वीकार री,
माँ तू जग की है महतारी,
लाखों भगत तनै तारे मैया,
इबकै सै मेरी बारी।।
मनै सुनी सै कुल की देवी,
करै कदे भी निराश नहीं,
अपने लाडले भगतां की माँ,
कदे तोड़ती आस नहीं,
तेरे बिना किसे पै विश्वास नहीं,
कित हाथ फैलाऊँ रखवारी,
लाखों भगत तनै तारे मैया,
इबकै सै मेरी बारी।।
इन सब चीजां बिन सर ज्यागी पर,
एक वादा करना होगा,
याद करै जब शुभम लाड़ला,
सिर पै हाथ धरना होगा,
प्रिंस जैन कहै करना होगा,
उपकार यो मैया प्यारी,
लाखों भगत तनै तारे मैया,
इबकै सै मेरी बारी।।
बेरी आली मात भीमेश्वरी,
कहै तनै दुनिया सारी,
लाखों भगत तनै तारे मैया,
इबकै सै मेरी बारी।।
गायक – शुभम रिठालिया।
7840820050
लेखक – प्रिंस जैन।
