- – यह गीत माँ की ममता, स्नेह और उसकी महिमा का सुंदर वर्णन करता है, जो बेटे की पुकार पर तुरंत दौड़कर आती है।
- – वेद और पुराणों में भी माँ की महिमा का बखान है, और जो भी माँ के चरणों में झुकता है, वही सृष्टि का सृजनकर्ता है।
- – माँ संकट हरने वाली, वरदान देने वाली है, जो दुखी और शरणागतों की विनती स्वीकार करती है।
- – माँ की महिमा से बिगड़ी हुई बातें भी बन जाती हैं और खुशियाँ झोली में भर जाती हैं।
- – माँ हमेशा अपने बच्चों की रक्षा करती है, चाहे वे उसे स्वीकार करें या ठुकराएं, वह हमेशा उनके लिए खड़ी रहती है।
- – गीत में माँ के प्रति सम्मान, श्रद्धा और उसकी अपार ममता को भावपूर्ण तरीके से व्यक्त किया गया है।

बेटा बुलाए झट दौड़ी चली आए माँ,
श्लोक
मैं नही जानू पूजा तेरी,
पर तू ना करना मैया देरी,
तेरा लख्खा तुझे पुकारे,
लाज तू रखले अब माँ मेरी।।
बेटा बुलाए झट दौड़ी चली आए माँ,
अपने बच्चो के आँसू देख नहीं पाए माँ,
बेटा बुलाए झट दौड़ी चली आए माँ।।
वेद पुराणो में भी माँ की,
महिमा का बखान है,
वो झुकता माँ चरणों में,
जिसने रचा जहान है,
वेद पुराणो में भी माँ की,
महिमा का बखान है,
वो झुकता माँ चरणों में,
जिसने रचा जहान है,
देवर्षि भी समझ ना पाए,
ऐसी लीला रचाए माँ,
बेटा बुलाए झट दौड़ी चली आए माँ।।
संकट हरनी वरदानी माँ,
सबके दुखड़े दूर करे,
शरण आए दिन दुखी की,
विनती माँ मंजूर करे,
संकट हरनी वरदानी माँ,
सबके दुखड़े दूर करे,
शरण आए दिन दुखी की,
विनती माँ मंजूर करे,
सारा जग जिसको ठुकरादे,
उसको गले लगाए माँ,
बेटा बुलाए झट दौड़ी चली आए माँ।।
बिगड़ी तेरी बात बनेगी,
माँ की महिमा गया के देख,
खुशियो से भर जाएगा,
तू झोली तो फेलाके देख,
बिगड़ी तेरी बात बनेगी,
माँ की महिमा गया के देख,
खुशियो से भर जाएगा,
तू झोली तो फेलाके देख,
झोली छोटी पड़ जाती है,
जब देने पे आए माँ,
बेटा बुलाए झट दौड़ी चली आए माँ।।
कबसे तेरी कचहरी में माँ,
लिख कर दे दी अर्जी,
अपना ले चाहे ठुकरा दे,
आगे तेरी मर्जी,
कबसे तेरी कचहरी में माँ,
लिख कर दे दी अर्जी,
अपना ले चाहे ठुकरा दे,
आगे तेरी मर्जी,
लख्खा सरल खड़ा हथ जोड़े,
जो भी हुकुम सुनाए माँ,
बेटा बुलाए झट दौड़ी चली आए माँ।।
बेटा बुलाए झट दौड़ी चली आए माँ,
अपने बच्चो के आँसू देख नहीं पाए माँ,
बेटा बुलाए झट दौड़ी चली आए माँ।।
