मुख्य बिंदु
- – फागुन मेला का आगमन हुआ है, जो उत्साह और रंगीनता से भरा होता है।
- – सभी भक्त खाटू धाम की ओर निशान लेकर बाबा के दर्शन के लिए बढ़ें।
- – इस मेले में श्याम धणी के जयकारे और रंगों का उत्सव मनाया जाता है।
- – खाटू वाला बाबा सभी पर प्रेम और आशीर्वाद लुटाते हैं।
- – फागुन मेला एक महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन है, जिसमें जोरदार उत्साह और शोर होना चाहिए।
भजन के बोल
बात हमारी बड़े पते की,
गौर होना चाहिये,
आ गया फागुन मेला,
अब तो शोर होना चाहिये,
बात हमारी बड़े पते की ॥
रंग रंगीला फागुन मेला,
सारे खाटू धाम चलो,
सारे खाटू धाम चलो,
लेकर के निशान हाथ में,
तुम बाबा की ओर बढ़ो,
तुम बाबा की ओर बढ़ो,
इस फागुन में हल्ला थोड़ा,
और होना चाहिये,
बात हमारी बड़े पते की,
गौर होना चाहिये,
आ गया फागुण मेला,
अब तो शोर होना चाहिये,
बात हमारी बड़े पते की ॥
खाटू वाला इस मेले में,
सब पे प्यार लुटायेगा,
सब पे प्यार लुटायेगा,
‘शुभम रूपम’ भक्तों के संग में,
वो भी रंग उड़ायेगा,
वो भी रंग उड़ायेगा,
श्याम धणी के जयकारे का,
जोर होना चाहिए,
बात हमारी बड़े पते की,
गौर होना चाहिये,
आ गया फागुण मेला,
अब तो शोर होना चाहिये,
बात हमारी बड़े पते की ॥
बात हमारी बड़े पते की,
गौर होना चाहिये,
आ गया फागुन मेला,
अब तो शोर होना चाहिये,
बात हमारी बड़े पते की ॥