मुख्य बिंदु
- – अवध में भगवान राम के जन्म से खुशियाँ छा गईं हैं।
- – राम के साथ उनके भाई लखन, भरत और शत्रुधन का भी जन्म हुआ है।
- – माता कौशल्या, सुमित्रा और केकई को दशरथ जी ने बधाई दी।
- – ब्रह्मा जी, भोलेनाथ और माता गौरा भी इस शुभ अवसर पर उपस्थित हैं।
- – सरयू नदी का किनारा सज गया है और पूरे वातावरण में हरियाली और उल्लास है।
- – सूरज भी राम के जन्म की खुशी में देर तक अस्त नहीं हुआ और कौशल्या जी ने राम के लिए लोरी गाई।
भजन के बोल
आज अवध में खुशिया छाई,
जन्मे हैं देखो रघुराई ,
आज अवध में खुशिया छाई,
जन्मे हैं देखो रघुराई ,
राम, लखन, भरत, शत्रुधन ,
जन्मे हैं देखो चार भाई,
कौशल्या, सुमित्रा, केकई,
दशरथ जी को बहुत बधाई,
आज अवध में खुशिया छाई,
जन्मे हैं देखो रघुराई ,
ब्रह्मा जी आए, भोले जी आए,
संग में माता गौरा आई,
बज रहे हैं ढोल और ताशे,
बज रही मंगल शहनाई,
आज अवध में खुशिया छाई,
जन्मे हैं देखो रघुराई ,
खिल उठी हैं सारी कलिया,
पेड़ो पर हरियाली छाई,
सज गया सरयू का किनारा,
माता सरयू भी हर्षाई,
आज अवध में खुशिया छाई,
जन्मे हैं देखो रघुराई ,
सूरज भी भुल गए हैं ढलना,
देख के मेरे राम का पलना,
पलने में सोए रघुराई,
कौशल्या जी ने लोरी गाई,
आज अवध में खुशिया छाई,
जन्मे हैं देखो रघुराई