मुख्य बिंदु
- – गीत में श्याम (कृष्ण) और रुक्मणि की शादी का उल्लासपूर्ण वर्णन है।
- – पूरी ब्रजधाम में इस शादी की खुशी और उत्सव का माहौल है।
- – रुक्मणि की मुस्कान और कृष्ण का दूल्हा बनना सभी के लिए आनंद का कारण है।
- – गीत में भगवान कृष्ण को जगत के पालनकर्ता और माखनचोर के रूप में दर्शाया गया है।
- – शादी के शुभ मुहूर्त और बारातियों की उपस्थिति से माहौल और भी रंगीन हो गया है।
- – यह शादी ब्रह्मांड और संसार के लिए भी एक महत्वपूर्ण और आनंदमय अवसर के रूप में प्रस्तुत की गई है।
भजन के बोल
आज मेरे श्याम की शादी है,
श्याम की शादी है,
मेरे घनश्याम की शादी है,
आज मेरे श्याम की शादी है,
ऐसा लगता है सारे,
ब्रजधाम की शादी है,
आज मेरे श्याम की शादी हैं ॥
बनी है खूब जोड़ी,
कृष्ण रुक्मणि की जोड़ी,
ख़ुशी से नाचे है मन,
मिला सजनी को साजन,
हो ओ.. आज मुझे लगता है,
की ब्रम्हाण्ड की शादी है,
आज मेरे श्याम की शादी है ॥
आज मेरे श्याम की शादी हैं,
श्याम की शादी है,
मेरे घनश्याम की शादी है,
आज मेरे श्याम की शादी है ॥
रुक्मणि यूँ मुस्कावे,
मुझे कान्हा मिल जावे,
मेरी थी यहीं तमन्ना,
पूरी मेरी हुई तमन्ना,
हो ओ.. आज मुझे लगता है,
की संसार की शादी है,
आज मेरे श्याम की शादी है ॥
आज मेरे श्याम की शादी हैं,
श्याम की शादी है,
मेरे घनश्याम की शादी है,
आज मेरे श्याम की शादी है ॥
जगत के पालन कर्ता,
बने रुक्मणि के भर्ता,
गोपियों के चितचोर,
दूल्हा बने माखनचोर,
हो ओ.. मधुमंगल और श्रीदामा ने,
धूम मचाई है,
आज मेरे श्याम की शादी है ॥
आज मेरे श्याम की शादी हैं,
श्याम की शादी है,
मेरे घनश्याम की शादी है,
आज मेरे श्याम की शादी है ॥
वक्त है खूबसूरत,
बड़ा शुभ लगन मुहूरत,
देखो क्या खूब सजी है,
दूल्हे की भोली सूरत,
हो ओ.. बने बाराती देवता सब,
होके साथी है,
आज मेरे श्याम की शादी है ॥
आज मेरे श्याम की शादी हैं,
श्याम की शादी है,
मेरे घनश्याम की शादी है,
आज मेरे श्याम की शादी है ॥
आज मेरे श्याम की शादी हैं,
श्याम की शादी है,
मेरे घनश्याम की शादी है,
आज मेरे श्याम की शादी है,
ऐसा लगता है सारे,
ब्रजधाम की शादी है,
आज मेरे श्याम की शादी हैं ॥