मुख्य बिंदु
- – यह भजन माँ दुर्गा की आराधना और उनके आगमन की प्रार्थना करता है।
- – भजन में माँ से खुशियाँ बरसाने, करुणा दिखाने और भक्तों की पीड़ा दूर करने की विनती की गई है।
- – भक्त अपने मन मंदिर में माँ की ज्योत जलाकर उनकी महिमा का गुणगान करता है।
- – माँ के दर्शन की तीव्र इच्छा और उनके आशीर्वाद की प्रार्थना व्यक्त की गई है।
- – भजन में माँ के बिना जीवन की कठिनाइयों और दुनिया की ताने-बाने का उल्लेख है।
- – भक्त माँ को अपना पुजारी मानकर सच्चे मन से उनकी सेवा और भक्ति का संकल्प करता है।
भजन के बोल
आजा माँ आजा माँ एक बार,
मेरे घर आजा माँ,
मैंने मन मंदिर में मैया,
तेरी ज्योत जगाई,
करके शेर सवारी,
आजा इक बारी महामाई,
आजा मां आजा मां एक बार,
मेरे घर आजा माँ ॥
मेरे सुने आँगन में माँ,
खुशियाँ तू बरसा दे,
करुणामई ऐ जगदम्बे माँ,
सोया भाग जगा दे,
मैंने सारी दुनिया देखि,
मुझे ना कोई भाया,
शाम सवेरे मैंने मैया,
तेरा ही गुण गाया,
आजा मां आजा मां एक बार,
मेरे घर आजा माँ ॥
दर्शन को ये नैना तरसे,
आके दर्श दिखाओ,
कब से देखे राह तुम्हारी,
इनकी प्यास बुझाओ,
थोड़ी सी किरपा कर दे,
बेटी तुझे पुकारे,
हाथ दया का सिर पे रख दे,
कर दे वारे न्यारे,
आजा मां आजा मां एक बार,
मेरे घर आजा माँ ॥
ताने मारेगी ये दुनिया,
जो माँ तू ना आई,
मेरा कुछ ना जाएगा,
तेरी होगी माँ रुसवाई,
सदा रहेंगे अम्बे मैया,
बन के तेरे पुजारी,
‘धामा और शर्मा’ ने माँ,
चरणों में अर्ज गुजारी,
आजा मां आजा मां एक बार,
मेरे घर आजा माँ ॥
आजा माँ आजा माँ एक बार,
मेरे घर आ जा माँ,
मैंने मन मंदिर में मैया,
तेरी ज्योत जगाई,
करके शेर सवारी,
आजा इक बारी महामाई,
आजा मां आजा मां एक बार,
मेरे घर आजा माँ ॥