मुख्य बिंदु
- – यह गीत राखी के त्यौहार पर भाई-बहन के प्रेम और स्नेह को दर्शाता है।
- – कान्हा (कृष्ण) को भाई के रूप में याद करते हुए राखी बांधने की परंपरा का वर्णन है।
- – बहनें अपने भाइयों से रक्षा और प्यार की उम्मीद करती हैं।
- – राखी का बंधन पवित्र और अटूट प्रेम का प्रतीक माना गया है।
- – गीत में कृष्ण को नन्द कुमार, मदन गोपाल जैसे नामों से पुकारकर उनकी महत्ता बताई गई है।
- – राखी के दिन भाई बहन के बीच प्रेम और अपनापन बढ़ाने का संदेश है।
भजन के बोल
आओ आओ कान्हा आया,
राखी का त्यौहार,
याद करे तेरी बहना तुझको,
जग के पालनहार,
आओ आओ नन्द कुमार,
आओ आओ कान्हां आया,
राखी का त्यौहार ॥
मेरा तो बस एक है भाई,
वो हो तुम मेरे कृष्ण कन्हाई,
जब भी आता रक्षाबंधन,
तुमसे ही उम्म्मीद लगाई,
मेरा तो तुमसे ही कन्हैया,
रोशन है संसार,
आओ आओ मदन गोपाल,
आओ आओ कान्हां आया,
राखी का त्यौहार ॥
देर करो ना जल्दी आओ,
बहना से राखी बँधवाओ,
तुम हो मेरे प्यारे भैया,
आकर बहन को गले लगाओ,
थाल सजा कर पूजा की,
मैं कर रही इंतज़ार,
आओ आओ नन्द कुमार,
आओ आओ कान्हां आया,
राखी का त्यौहार ॥
भाई बहन के प्रेम का बंधन,
पावन होता रक्षा बंधन,
जिसका भाई तुमसा मोहन,
उसका फिर क्या कहना ‘कुंदन’,
तेरा हमेशा मिलता आया,
कान्हा मुझको प्यार,
आओ आओ मदन गोपाल,
आओ आओ कान्हां आया,
राखी का त्यौहार ॥
आओ आओ कान्हा आया,
राखी का त्यौहार,
याद करे तेरी बहना तुझको,
जग के पालनहार,
आओ आओ नन्द कुमार,
आओ आओ कान्हां आया,
राखी का त्यौहार ॥