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मुख्य बिंदु
- – गणेश बप्पा (भगवान गणेश) का आगमन आंगन में हुआ है, जिसे बड़े प्रेम और श्रद्धा के साथ स्वागत किया जा रहा है।
- – गणेश पूजा, आरती और तिलक लगाकर उनका सम्मान किया जाता है, साथ ही उनसे मनोकामनाएं पूरी करने की प्रार्थना की जाती है।
- – गणेश जी के साथ माता, रिद्धि-सिद्धि और शिव जी के भी आने का उल्लेख है, जो शुभता और लाभ का प्रतीक हैं।
- – भादो का महीना पावन और शुभ माना जाता है, जिसमें गणेश जी का स्वागत विशेष महत्व रखता है।
- – गणेश जी बल, बुद्धि और साहस प्रदान करते हैं, और उन्हें प्रेम से ‘योगी’ कहकर पुकारा जाता है।
- – यह गीत गणेश चतुर्थी या गणेश उत्सव के दौरान गणेश जी के आगमन और पूजा की खुशी को दर्शाता है।

भजन के बोल
आये है गणेश बप्पा,
आज मोरे आंगना,
आये मोरे आंगना,
जी आये मोरे आंगना,
आये हैं गणेश बप्पा,
आज मोरे आंगना ॥
चरण पखारूँ माथे तिलक लगाऊं रे,
प्रथमे गणेश पूजा आरती सजाऊँ रे,
झोलियाँ फैलाओ मांगो,
दिल से जो है माँगना,
आये हैं गणेश बप्पा,
आज मोरे आंगना ॥
माँ को भी लाए रिद्धि सिद्धि को भी लाए,
शुभ और लाभ संग में शिव जी भी आए,
भादो का महीना शुभ है,
पावन सुहावना,
आये हैं गणेश बप्पा,
आज मोरे आंगना ॥
बल और बुद्धि साहस करते प्रदान है,
बोलो तो गणेश बप्पा बड़े ही महान है,
प्रेम से पुकारो ‘योगी’,
देव आए आंगना,
आये हैं गणेश बप्पा,
आज मोरे आंगना ॥
आये है गणेश बप्पा,
आज मोरे आंगना,
आये मोरे आंगना,
जी आये मोरे आंगना,
आये हैं गणेश बप्पा,
आज मोरे आंगना ॥
भजन वीडियो
अस्वीकरण (Disclaimer) : नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष आदि विषयों पर HinduismFAQ में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। 'HinduismFAQ' इसकी कोई ज़िम्मेदारी नहीं लेती है।
