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मुख्य बिंदु
- – यह कविता बच्चों की ओर से माँ दुर्गा से दया और उद्धार की प्रार्थना है।
- – बच्चे माँ से नवरात्रों में जल्दी आने और उनके घरों में खुशियों के दीप जलाने की विनती करते हैं।
- – वे माँ से ममता और मेहरबानी की बारिश करने तथा अपने गले लगाने की गुजारिश करते हैं।
- – बच्चों का कहना है कि वे धन- दौलत या महलों की चाह नहीं रखते, बल्कि सेवा में रहना चाहते हैं।
- – वे माँ से अपने जीवन की नैया को संकट से पार लगाने और अमन की प्रार्थना स्वीकार करने की मांग करते हैं।
- – कविता में माँ दुर्गा से बच्चों के उद्धार और उनकी रक्षा की अपील बार-बार दोहराई गई है।

भजन के बोल
अब करके दया,
हम बच्चों का उद्धार कीजिये,
आये नवरात्रे मैया,
उपकार कीजिये,
अब करके दया,
हम बच्चों का उद्धार कीजिये ॥
माँ सिंह सवारी करके,
अब जल्दी से आ जाओ,
हर घर में ज्योतावाली,
खुशियों के दीप जलाओ,
हम दीनो पर,
ममता की बौछार कीजिये,
अब करके दया,
हम बच्चों का उद्धार कीजिये ॥
हम बालक मेहरावाली,
हमें अपने गले लगाओ,
परिवार पे हम बच्चो के,
अपनी ये मेहर बरसाओ,
मझधार पड़ी,
जो नैया वो भव पार कीजिये,
अब करके दया,
हम बच्चों का उद्धार कीजिये ॥
धन दौलत सोना चांदी,
महलों की चाह नहीं है,
हर पल सेवा मैं रहूं बस,
मेरे मन आस यही है,
इस ‘अमन’ की इतनी,
अर्ज़ी माँ स्वीकार कीजिये,
अब करके दया,
हम बच्चों का उद्धार कीजिये ॥
अब करके दया,
हम बच्चों का उद्धार कीजिये,
आये नवरात्रे मैया,
उपकार कीजिये,
अब करके दया,
हम बच्चों का उद्धार कीजिये ॥
भजन वीडियो
अस्वीकरण (Disclaimer) : नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष आदि विषयों पर HinduismFAQ में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। 'HinduismFAQ' इसकी कोई ज़िम्मेदारी नहीं लेती है।
