मुख्य बिंदु
- – गीत में महादेवी भवानी के आगमन का वर्णन है, जो घर में खुशियाँ और समृद्धि लेकर आती हैं।
- – भवानी माता की मढिया (मंदिर या पूजा स्थल) में विशेष महत्ता और पवित्रता का उल्लेख है।
- – राम-जानकी और बजरंगी (हनुमान) के साथ भवानी माता की पूजा और आराधना का वर्णन किया गया है।
- – नवरात्रि के दौरान भवानी माता की भक्ति और जयकारे का माहौल दर्शाया गया है।
- – भक्त माता से अपने कष्टों को दूर करने और सदैव उनके गुणगान करने की प्रार्थना करते हैं।
- – पूरे गीत में भवानी माता के प्रति श्रद्धा, भक्ति और उनके आगमन से घर में आई खुशियों का उत्सव मनाया गया है।

भजन के बोल
आयी महादेवी अवतार,
भवानी मोरे अंगना में ॥
रहे निमंत्रण डार,
खेरे की खेड़ापति,
मोरे अंगना जाओ पधार ॥
लकी द्वार अर्जी करे,
महादेवी अवतार,
खेरे की खेड़ापति,
मोरे अंगना जाओ पधार ॥
आयी महादेवी अवतार,
भवानी मोरे अंगना में,
मोरे अंगना में तोरी मढिया में,
छाईं खुशियां अपरम्पार,
भवानी तोरी मढिया में,
आईं महादेवी अवतार,
भवानी मोरे अंगना में ॥
एक तरफ तू माता विराजे,
दूजे राम जानकी संग विराजे,
दो हमें अभय वरदान,
भवानी तोरी मढिया में,
छाईं खुशियां अपरम्पार,
भवानी तोरी मढिया में,
आईं महादेवी अवतार,
भवानी मोरे अंगना में ॥
पहरे वाली द्वार तुम्हारे,
बजरंगी करते जयकारे,
गाये लकी तेरे गुणगान,
भवानी तोरी मढिया में,
छाईं खुशियां अपरम्पार,
भवानी तोरी मढिया में,
आईं महादेवी अवतार,
भवानी मोरे अंगना में ॥
नवराते में बोए जवारे,
काली नाचे द्वार तुम्हारे,
करें भगत हैं जय जयकार,
भवानी तोरी मढिया में,
छाईं खुशियां अपरम्पार,
भवानी तोरी मढिया में,
आईं महादेवी अवतार,
भवानी मोरे अंगना में ॥
माता मेरी विनती सुनले,
हम भगतों के कष्टों को हरले,
सदा करूँ तेरा गुणगान,
भवानी तोरी मढिया में,
छाईं खुशियां अपरम्पार,
भवानी तोरी मढिया में,
आईं महादेवी अवतार,
भवानी मोरे अंगना में ॥
आईं महादेवी अवतार,
भवानी मोरे अंगना में,
मोरे अंगना में तोरी मढिया में,
छाईं खुशियां अपरम्पार,
भवानी तोरी मढिया में,
आईं महादेवी अवतार,
भवानी मोरे अंगना में ॥
