मुख्य बिंदु
- – जीवन का पूरा भार और नियंत्रण ईश्वर के हाथों में सौंप दिया गया है।
- – सफलता और असफलता दोनों ईश्वर के निर्णय पर निर्भर हैं।
- – जीवन में ईश्वर को पाने की इच्छा और समर्पण की भावना प्रबल है।
- – सभी गुण और दोष ईश्वर के प्रति समर्पित हैं, जैसे कमल का फूल जल में रहता है।
- – मानव जन्म में ईश्वर की पूजा और सेवा को सर्वोच्च स्थान दिया गया है।
- – संसार और जीवन के सभी पहलू ईश्वर के हाथों में हैं, और मानव केवल उनका अनुयायी है।

भजन के बोल
अब सौंप दिया इस जीवन का,
सब भार तुम्हारे हाथों में,
है जीत तुम्हारे हाथों में,
और हार तुम्हारे हाथों में ॥
मेरा निश्चय है बस एक यही,
एक बार तुम्हे पा जाऊं मैं,
अर्पण करदूँ दुनिया भर का,
सब प्यार तुम्हारे हाथों में ॥
जो जग में रहूँ तो ऐसे रहूँ,
जैसे जल में कमल का फूल रहे,
मेरे सब गुण दोष समर्पित हों,
करतार तुम्हारे हाथों में ॥
यदि मानव का मुझे जन्म मिले,
तो तेरे चरणों का पुजारी बनूँ,
इस पूजा की एक एक रग का,
हो तार तुम्हारे हाथों में ॥
जब जब संसार का कैदी बनू,
निष्काम भाव से कऱम करूँ,
फिर अंत समय में प्राण तजूं,
निराकार तुम्हारे हाथों में ॥
मुझ में तुझ में बस भेद यही,
मैं नर हूँ तुम नारायण हो,
मैं हूँ संसार के हाथों में,
संसार तुम्हारे हाथों में ॥
अब सौंप दिया इस जीवन का,
सब भार तुम्हारे हाथों में,
है जीत तुम्हारे हाथों में,
और हार तुम्हारे हाथों में ॥
