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मुख्य बिंदु
- – यह कविता प्रेम की गहराई और उसके महत्व को दर्शाती है, जिसमें प्रेमी अपने प्यार के बिना जीवन की कल्पना नहीं कर सकता।
- – प्रेमी कहता है कि अगर उसे अपने प्रेमी से प्यार न होता, तो वह उसे अपना नहीं बनाता।
- – प्रेम की चाहत और मिलन की तमन्ना इस कविता का मुख्य भाव है, जो मन को भाता है।
- – प्रेम के बिना जीवन में निराशा और उदासी होती, लेकिन प्रेम से ही आशा और जीवन का सार मिलता है।
- – यह कविता प्रेम के दर्द, तिरस्कार और फिर भी उसके प्रति अटूट विश्वास को व्यक्त करती है।

भजन के बोल
अगर प्यार तेरे से पाया ना होता,
तुझे श्याम अपना बनाया ना होता ॥
ना होती तमन्ना हि, तेरे मिलन की,
अगर मेरे मन को तु, भाया ना होता,
अगर प्यार तेरे से पाया ना होता ॥
लबो पे तेरा ये, तरना ना होता,
अगर तीर दिल से, चलाया ना होता,
अगर प्यार तेरे से पाया ना होता ॥
ना फिरती मैं तेरे, लिए मारि मारि,
अगर तुने खुद ही, रुलाया ना होता,
अगर प्यार तेरे से पाया ना होता ॥
तो मै भी निराशा में, आशा ना रखती,
किसी के लिये गर तु, आया ना होता,
अगर प्यार तेरे से पाया ना होता ॥
ये बेदर्द दुनिया, मुझे कुछ तो कहती,
अगर तुने दिल से, बुलाया ना होता,
अगर प्यार तेरे से पाया ना होता ॥
BhaktiBharat Lyrics
अगर प्यार तेरे से पाया ना होता,
तुझे श्याम अपना बनाया ना होता ॥
भजन वीडियो
अस्वीकरण (Disclaimer) : नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष आदि विषयों पर HinduismFAQ में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। 'HinduismFAQ' इसकी कोई ज़िम्मेदारी नहीं लेती है।
