कोई जान ना पाया है,
हो चाहे कोई काम असंभव,
तूने पल में बनाया है,
हो चाहे कोई काम असंभव,
तूने पल में बनाया है ॥
मेहंदीपुर में अखाडा है,
भुत प्रेत दुष्टों दानव को,
तुमने पल में पछाड़ा है,
त्रेता से कलयुग तक तुमसा,
त्रेता से कलयुग तक तुमसा,
वीर नहीं हो पाया है,
हो चाहे कोई काम असंभव,
तूने पल में बनाया है,
हो चाहे कोई काम असंभव,
तूने पल में बनाया है ॥
संत जनो के हो हितकारी,
और दुष्टों के काल हो तुम,
रामचन्द्र के भक्त सिया के,
सबसे प्यारे लाल हो तुम,
राम से मिलने का माध्यम,
राम से मिलने का माध्यम,
कलयुग में तुम्हे बताया है,
हो चाहे कोई काम असंभव,
तूने पल में बनाया है,
हो चाहे कोई काम असंभव,
तूने पल में बनाया है ॥
ऐसा कौन सा काम है जो,
बजरंगी ना कर पाओगे,
हमको है विश्वास की एक दिन,
राम से हमको मिलाओगे,
ये आशा लेकर के ‘सूरज’,
ये आशा लेकर के ‘सूरज’,
हो चाहे कोई काम असंभव,
तूने पल में बनाया है,
हो चाहे कोई काम असंभव,
तूने पल में बनाया है ॥
ऐसा तेरा बल है बजरंग,
कोई जान ना पाया है,
हो चाहे कोई काम असंभव,
तूने पल में बनाया है,
हो चाहे कोई काम असंभव,
तूने पल में बनाया है ॥
ऐसा तेरा बल है बजरंग: गहराई से विश्लेषण
ऐसा तेरा बल है बजरंग, कोई जान ना पाया है
हनुमान जी का बल न केवल शारीरिक शक्ति का प्रतीक है, बल्कि यह मानसिक और आध्यात्मिक क्षमता का भी बोध कराता है। यह पंक्ति इस बात को रेखांकित करती है कि उनका पराक्रम, उनकी शक्ति, और उनका साहस मानव सोच से परे है। पवन पुत्र हनुमान का चरित्र असाधारण है, क्योंकि वे न केवल बलवान हैं, बल्कि बुद्धिमान और विनम्र भी हैं। उनकी शक्ति और साहस को समझने के लिए कोई भी साधारण दृष्टिकोण पर्याप्त नहीं है। रामायण में उनका संजीवनी बूटी लेकर आना, समुद्र लांघना, और लंका दहन जैसी घटनाएँ उनकी अद्वितीय शक्ति को प्रमाणित करती हैं।
हनुमान जी की शक्ति उनके भौतिक बल तक सीमित नहीं है। उनके भीतर जो आत्मबल और श्रीराम के प्रति समर्पण है, वही उन्हें सर्वोच्च बनाता है। यह पंक्ति उनकी दिव्यता को स्थापित करती है, जो किसी भी युग, किसी भी काल में अनुपम है।
हो चाहे कोई काम असंभव, तूने पल में बनाया है
इस पंक्ति में “असंभव” कार्यों को पलभर में संभव कर देने का उल्लेख है। हनुमान जी की अद्भुत शक्ति और दक्षता का यह सर्वोत्तम वर्णन है। श्रीराम के दूत के रूप में उन्होंने बार-बार असंभव को संभव किया। उदाहरण के लिए, लंका में सीता माता की खोज के दौरान, उनकी बुद्धिमत्ता और शौर्य ने उन्हें सफलता दिलाई।
यह पंक्ति यह भी दर्शाती है कि हनुमान जी के लिए “असंभव” शब्द का कोई अस्तित्व नहीं है। चाहे भक्तों के जीवन में कितनी भी कठिनाई क्यों न हो, वे अपनी कृपा से समाधान प्रदान करते हैं। यह भक्तों के भीतर विश्वास जगाने का प्रतीक है।
सालासर में महल तुम्हारा, मेहंदीपुर में अखाड़ा है
हनुमान जी के प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिरों का उल्लेख यहाँ भक्तों की गहरी आस्था को दर्शाने के लिए किया गया है। सालासर बालाजी और मेहंदीपुर बालाजी, दो स्थान हैं जहाँ हनुमान जी की कृपा का अनुभव हजारों भक्त करते हैं।
- सालासर बालाजी: राजस्थान में स्थित इस मंदिर को भक्तों के संकट दूर करने वाला स्थान माना जाता है। यहाँ भक्त अपनी समस्याओं के समाधान और इच्छाओं की पूर्ति के लिए प्रार्थना करते हैं।
- मेहंदीपुर बालाजी: इस मंदिर को नकारात्मक शक्तियों और भूत-प्रेत बाधाओं से मुक्ति दिलाने वाला स्थान कहा जाता है। हनुमान जी के बल और रक्षा करने की शक्ति यहाँ विशेष रूप से प्रकट होती है।
यह दोनों स्थल हनुमान जी की भक्ति और उनके प्रति श्रद्धा के केंद्र हैं। यह पंक्तियाँ उनकी सर्वव्यापकता और उनकी कृपा को उजागर करती हैं।
भूत-प्रेत, दुष्टों, दानव को, तुमने पल में पछाड़ा है
हनुमान जी को हमेशा से ही दुष्ट शक्तियों और नकारात्मक ऊर्जा का नाश करने वाला देवता माना गया है। उनकी शक्ति से कोई भी बुरी आत्मा, भूत-प्रेत, या राक्षस बच नहीं सकता।
रामायण में उनके पराक्रम का वर्णन उनकी शक्ति का प्रमाण है। सीता माता को रावण के कैद से छुड़ाने के लिए लंका में उन्होंने जो पराक्रम दिखाया, वह उनकी युद्ध कौशल और दुष्ट शक्तियों को पराजित करने की क्षमता का जीवंत उदाहरण है।
आधुनिक समय में भी भक्त हनुमान जी का स्मरण नकारात्मक ऊर्जा और बाधाओं से मुक्ति पाने के लिए करते हैं। “हनुमान चालीसा” के पाठ को भूत-प्रेत और दुष्ट शक्तियों से रक्षा करने में अचूक माना गया है।
त्रेता से कलियुग तक तुमसा वीर नहीं हो पाया है
यह पंक्ति हनुमान जी की अद्वितीयता और उनके जैसा वीर न होने की बात करती है। त्रेता युग में श्रीराम की सेवा में उनका जो योगदान रहा, वह कालजयी है। उन्होंने न केवल श्रीराम के प्रति अपनी भक्ति को सिद्ध किया, बल्कि हर युग में भक्तों की सहायता भी की।
त्रेता युग से लेकर कलियुग तक, हनुमान जी की वीरता और भक्ति की गाथाएँ गाई जाती हैं। रामायण में उनकी निष्ठा और साहस का वर्णन आज भी लोगों को प्रेरित करता है। उनकी विशेषता यह है कि वे न केवल अद्वितीय वीर हैं, बल्कि सभी के प्रति दयालु भी हैं।
संत जनों के हो हितकारी, और दुष्टों के काल हो तुम
हनुमान जी को संत जनों का रक्षक और दुष्टों का संहारक कहा गया है। उनकी कृपा से संत और भक्त निर्भय होकर अपना जीवन धर्म और भक्ति में व्यतीत करते हैं। वे धर्म के संरक्षक और अधर्म के नाशक हैं।
रामायण में, हनुमान जी ने रावण और उसकी दुष्ट सेना का नाश करने में प्रमुख भूमिका निभाई। उन्होंने श्रीराम के धर्म युद्ध को सफल बनाया। इस पंक्ति में उनकी भूमिका को स्पष्ट रूप से दर्शाया गया है कि वे अधर्म के नाश और धर्म की स्थापना के लिए सदा तत्पर रहते हैं।
रामचन्द्र के भक्त सिया के, सबसे प्यारे लाल हो तुम
हनुमान जी श्रीराम और सीता के प्रति अपनी भक्ति और समर्पण के लिए प्रसिद्ध हैं। उनका जीवन श्रीराम की सेवा में समर्पित था। उन्होंने अपने हर कार्य में श्रीराम और माता सीता के आदर्शों को सर्वोपरि रखा।
रामायण में जब सीता माता ने हनुमान जी को आशीर्वाद दिया, तो उन्होंने उन्हें “राम का सच्चा भक्त” कहा। यह पंक्ति हनुमान जी की भक्ति और उनके अलौकिक व्यक्तित्व को दर्शाती है।
राम से मिलने का माध्यम, कलयुग में तुम्हे बताया है
हनुमान जी को कलयुग में श्रीराम से मिलने का सबसे सशक्त माध्यम बताया गया है। यह इस बात का प्रतीक है कि हनुमान जी की भक्ति और उनकी कृपा से भक्त राम की भक्ति और उनके दिव्य दर्शन का अनुभव कर सकते हैं।
यह पंक्ति दर्शाती है कि कलयुग में जब अधर्म और अज्ञान का अंधकार गहरा हो गया है, तब हनुमान जी भक्तों को धर्म और श्रीराम की ओर ले जाने वाले प्रकाश हैं। “हनुमान चालीसा” और “रामचरितमानस” जैसे ग्रंथों में भी यह बात उल्लेखित है कि हनुमान जी के आशीर्वाद से भक्तों को भगवान राम के सान्निध्य का अनुभव होता है।
हनुमान जी स्वयं को श्रीराम की सेवा में समर्पित मानते हैं, और इसी कारण उन्हें रामभक्ति का आदर्श माना गया है। भक्तों का यह विश्वास है कि हनुमान जी के माध्यम से उन्हें मोक्ष और राम की कृपा प्राप्त होगी।
ऐसा कौन सा काम है जो, बजरंगी ना कर पाओगे
यह पंक्ति न केवल हनुमान जी की शक्ति का बखान करती है, बल्कि भक्तों के विश्वास को भी प्रदर्शित करती है। कोई भी कार्य, चाहे वह कितना ही कठिन क्यों न हो, हनुमान जी की शक्ति और कृपा से संभव हो सकता है।
रामायण में उनके असाधारण कार्यों का उदाहरण मिलता है। संजीवनी बूटी लाने का उनका साहस, पूरे पहाड़ को उठा लाने का उनका दृढ़ निश्चय, और समुद्र लांघने का उनका पराक्रम यह साबित करता है कि उनके लिए कुछ भी असंभव नहीं है।
यह पंक्ति यह भी दिखाती है कि हनुमान जी की कृपा से भक्तों के जीवन में हर प्रकार की बाधा दूर हो सकती है। यह विश्वास ही भक्तों को उन्हें अपनी हर कठिनाई में स्मरण करने के लिए प्रेरित करता है।
हमको है विश्वास की एक दिन, राम से हमको मिलाओगे
इस पंक्ति में भक्त अपनी आशा और विश्वास व्यक्त करते हैं कि हनुमान जी उनकी भक्ति को एक दिन भगवान राम तक पहुँचाएँगे। यह पंक्ति उनकी मध्यस्थ भूमिका को रेखांकित करती है।
हनुमान जी को “भक्त वत्सल” और “राम दूत” के रूप में जाना जाता है। उनकी उपस्थिति भक्तों को राम की भक्ति और मोक्ष प्राप्ति का मार्ग दिखाती है। यह विश्वास उन्हें मानव जीवन के हर कष्ट से मुक्ति का माध्यम बनाता है।
भक्तों को यह भी विश्वास है कि हनुमान जी उनकी प्रार्थनाओं और उनकी भक्ति को सीधे राम तक पहुँचाने का कार्य करते हैं। उनका सान्निध्य भक्तों के लिए भगवान राम का साक्षात्कार कराने जैसा है।
ये आशा लेकर के ‘सूरज’, हो चाहे कोई काम असंभव, तूने पल में बनाया है
यहाँ पर कवि ‘सूरज’ अपने विश्वास और आशा को प्रकट करते हैं। यह पंक्ति भक्त और हनुमान जी के बीच के रिश्ते को और भी अधिक गहराई से उजागर करती है।
कवि अपने जीवन की कठिनाइयों को पार करने और अपने लक्ष्य तक पहुँचने में हनुमान जी की कृपा को महत्वपूर्ण मानते हैं। “चाहे कोई काम असंभव हो,” यह वाक्य भक्तों के भीतर अडिग विश्वास का संचार करता है। यह इस बात को दर्शाता है कि हनुमान जी की कृपा से हर प्रकार के असंभव कार्य को संभव बनाया जा सकता है।
कवि की आशा और श्रद्धा यह संदेश देती है कि हनुमान जी में पूर्ण विश्वास रखने से जीवन की हर बाधा का समाधान हो सकता है।
भजन का अंतिम सारांश
इस भजन में हनुमान जी की शक्ति, भक्ति, और कृपा का गुणगान किया गया है। यह न केवल उनकी पराक्रमी छवि को दर्शाता है, बल्कि भक्तों के प्रति उनके करुणामय स्वभाव को भी प्रकट करता है। भजन में व्यक्त हर पंक्ति भक्तों के हृदय में हनुमान जी के प्रति असीम श्रद्धा, विश्वास, और प्रेम को जागृत करती है।
हनुमान जी की महानता उनके असाधारण कार्यों में झलकती है, और यह भजन हमें उनकी भक्ति और उनके द्वारा किए गए चमत्कारों की याद दिलाता है। यह भजन केवल गान मात्र नहीं, बल्कि यह भक्तों के लिए एक प्रेरणा और मार्गदर्शन का स्रोत है।
हनुमान जी के प्रति समर्पण और उनकी कृपा से जीवन में आने वाली हर कठिनाई को दूर किया जा सकता है। उनकी भक्ति का अर्थ केवल भौतिक समस्याओं का समाधान नहीं, बल्कि आत्मिक शांति और मोक्ष की प्राप्ति भी है।
जय हनुमान!