मुख्य बिंदु
- – सत्संग में भाग लेकर जीवन में लाभ उठाना चाहिए और चुप नहीं रहना चाहिए।
- – राधे राधे का नाम जपने से जन्मों के दोष मिटते हैं और भाग्य जागृत होता है।
- – जीवन की अनहोनी घटनाओं को भूलकर जीवन का आनंद लेना चाहिए।
- – बिना वजह दूसरों के प्रति द्वेष या जलन नहीं करनी चाहिए।
- – राधा रानी के गुणों का गुणगान करने से जीवन शांत और संवर जाता है।
- – राधे राधे नाम का जप करने से अद्भुत सुख और अनुभव प्राप्त होता है।

भजन के बोल
ऐसे, चुप ना, रहा कीजिए ॥
राधे राधे, कहा कीजिए ॥
ऐसे, चुप ना, रहा कीजिए ॥
आ गए, हो जो, सत्संग में ॥
लाभ कुछ तो, उठा लीजिए ॥
राधे राधे, कहा कीजिए ॥
ऐसे, चुप ना, रहा कीजिए ॥
दोष, जन्मो के, मिट जाएंगे ॥
भाग्य, सोया, जगा लीजिए ॥
राधे राधे, कहा कीजिए ॥
ऐसे, चुप ना, रहा कीजिए ॥
होनी, अनहोनी, को भूलकर ॥
जिंदगी का, मज़ा लीजिए ॥
राधे राधे, कहा कीजिए ॥
ऐसे, चुप ना, रहा कीजिए ॥
गैर, का घर, बड़ा देखकर ॥
बे-बजह ना, जला कीजिए ॥
राधे राधे, कहा कीजिए ॥
ऐसे, चुप ना, रहा कीजिए ॥
बड़ा, अनुभव है, इस दास का ॥
आप भी, अज़मा लीजिए ॥
राधे राधे, कहा कीजिए ॥
ऐसे, चुप ना, रहा कीजिए ॥
शान्त, जीवन, संवर जाएगा ॥
राधा, रानी के, गुण गाईए ॥
राधे राधे, कहा कीजिए ॥
ऐसे, चुप ना, रहा कीजिए ॥
स्वाद अद्भुत है, इस नाम का ॥
नाम, का ज़ाम, चख लीजिए ॥
राधे राधे, कहा कीजिए ॥
ऐसे, चुप ना, रहा कीजिए ॥
राधे राधे, कहा कीजिए ॥
