मुख्य बिंदु
- – यह गीत भक्ति और प्रेम की भावना को प्रकट करता है, जिसमें मन को प्रभु सीता राम के नाम में लीन करने की कामना की गई है।
- – गीत में भक्ति की गहराई और सच्चे प्रेम की महत्ता को दर्शाया गया है, जो भक्त को संसारिक कार्यों से ऊपर उठाकर केवल प्रभु के नाम का स्मरण कराता है।
- – चंदा और चकोर के उदाहरण से यह बताया गया है कि भक्त की दृष्टि सदैव प्रभु की ओर होनी चाहिए और उनकी कृपा प्राप्त होनी चाहिए।
- – जीवन का सर्वोच्च फल केवल वही प्राप्त करता है जिसने सच्चे मन से भक्ति और प्रेम को अपनाया हो।
- – संतों की वाणी और उनके उपदेशों का महत्व बताया गया है, जो प्रेमी को भक्ति के मार्ग पर अग्रसर करते हैं।
- – गीत में बार-बार “सीता राम” का जाप कर मन को एकाग्र और शुद्ध करने की प्रेरणा दी गई है।
भजन के बोल
ऐसे मेरे मन में विराजिये
ऐसे मेरे मन में विराजिये
कि मै भूल जाऊं काम धाम
गाऊं बस तेरा नाम
भूल जाऊं काम धाम
गाऊं बस तेरा नाम
सीता राम सीता राम, सीता राम सीता राम
सीता राम सीता राम, सीता राम सीता राम
॥ ऐसे मेरे मन में विराजिये…॥
तू चंदा हम है चकोर,
दर्शन को मचाते है शोर।
तेरी कृपा की नजर,
अब हो जाये अपनी भी ओर।
करुणा करिये मत लाजिए,
कि मै भूल जाऊं काम धाम
गाऊं बस तेरा नाम
भूल जाऊं काम धाम
गाऊं बस तेरा नाम
सीता राम सीता राम, सीता राम सीता राम
सीता राम सीता राम, सीता राम सीता राम
ऐसे मेरे मन मैं विराजिये, ऐसे मेरे मन मैं..
प्रीती का सच्चा सुरूर,
जिन्हें तुमने दिया है हुज़ूर।
भक्ति की गहराईयाँ
पा लेंगे वो प्रेमी जरूर।
चरण कमल चित साजिए
कि मै भूल जाऊं काम धाम
गाऊं बस तेरा नाम
भूल जाऊं काम धाम
गाऊं बस तेरा नाम
सीता राम सीता राम, सीता राम सीता राम
सीता राम सीता राम, सीता राम सीता राम
ऐसे मेरे मन मैं विराजिये, ऐसे मेरे मन मैं..
जीने का एक फल यही,
जिसने जाना है ज्ञानी वही।
प्रीतम हृदय में बसे
बात संतो ने इतनी कही।
सिया संग प्यारी छवि छाजिये।
कि मै भूल जाऊं काम धाम
गाऊं बस तेरा नाम
भूल जाऊं काम धाम
गाऊं बस तेरा नाम
सीता राम सीता राम, सीता राम सीता राम
सीता राम सीता राम, सीता राम सीता राम
ऐसे मेरे मन में विराजिये
ऐसे मेरे मन में विराजिये
कि मै भूल जाऊं काम धाम
गाऊं बस तेरा नाम
भूल जाऊं काम धाम
गाऊं बस तेरा नाम
सीता राम सीता राम, सीता राम सीता राम
सीता राम सीता राम, सीता राम सीता राम