मुख्य बिंदु
- – कविता में अम्बे रानी (माँ दुर्गा) की महिमा और उनकी कृपा का वर्णन है, जो भक्त को अपने दर पर बुलाकर आनंदित करती हैं।
- – विघ्नहर्ता विनायक (गणेश) और अन्य देवताओं के माध्यम से माँ की स्तुति और उनके आशीर्वाद का महत्व बताया गया है।
- – माँ की भक्ति से पाप धुल जाते हैं और भाग्य खुलता है, जिससे भक्त के जीवन में शुभ लाभ होता है।
- – ब्रह्मा ने व्यास को नए वेद का ज्ञान दिया, जो माँ की महिमा को और भी बढ़ाता है।
- – कविता में गुरु और देवताओं की कृपा का भी उल्लेख है, जो भक्त के जीवन में करुणा और आशीर्वाद लाती है।
- – बार-बार दोहराए गए पद “अम्बें रानी ने अपना समझ कर मुझे अपने दर पे बुलाया, मजा आ गया” से माँ के प्रति भक्त की गहरी श्रद्धा और आनंद व्यक्त होता है।

भजन के बोल
अम्बे रानी ने,
अपना समझ कर मुझे,
अपने दर पे बुलाया,
मजा आ गया,
शेरा वाली ने,
अपना समझ कर मुझे,
अपने दर पे बुलाया,
मजा आ गया,
विघ्नहर्ता विनायक ने,
शुभ लाभ को,
माँ की महिमा बताया,
मजा आ गया,
पाप सब धूल गया,
भाग्य ही खुल गया,
चरणों में सिर झुकाया,
मजा आ गया,
अम्बें रानी ने,
अपना समझ कर मुझे,
अपने दर पे बुलाया,
मजा आ गया ॥
भैरव खुश हो गए,
ध्यान में खो गए,
और हनुमान,
श्री राम जपने लगे,
ब्रम्हा ने व्यास को,
एक नए वेद का,
ज्ञान फिर से कराया,
मजा आ गया,
अम्बें रानी ने,
अपना समझ कर मुझे,
अपने दर पे बुलाया,
मजा आ गया ॥
स्तुति माँ की करने,
लगा स्वर्ग में,
देवताओं सहित,
वज्र ‘देवेंद्र’ का,
कृपा ‘कुलदीप’ पर,
करके करुणामयी,
‘गुरु ब्रजमोहन’ पर,
करके करुणामयी,
तूने जो कुछ लिखाया,
मजा आ गया,
अम्बें रानी ने,
अपना समझ कर मुझे,
अपने दर पे बुलाया,
मजा आ गया ॥
अम्बे रानी ने,
अपना समझ कर मुझे,
अपने दर पे बुलाया,
मजा आ गया,
शेरा वाली ने,
अपना समझ कर मुझे,
अपने दर पे बुलाया,
मजा आ गया,
विघ्नहर्ता विनायक ने,
शुभ लाभ को,
माँ की महिमा बताया,
मजा आ गया,
पाप सब धूल गया,
भाग्य ही खुल गया,
चरणों में सिर झुकाया,
मजा आ गया,
अम्बें रानी ने,
अपना समझ कर मुझे,
अपने दर पे बुलाया,
मजा आ गया ॥
