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मुख्य बिंदु
- – यह गीत भगवान हनुमान की महिमा और उनकी वीरता का वर्णन करता है, जिन्हें अंजनी के लाल के रूप में संबोधित किया गया है।
- – हनुमान का रूद्र और रणबाकुर रूप दर्शाया गया है, जो अत्यंत भयंकर और शक्तिशाली हैं।
- – उनकी अतुलनीय शक्ति और साहस का उल्लेख किया गया है, जो समुद्र पार करने और दुष्टों का संहार करने में सक्षम है।
- – हनुमान द्वारा अक्षय मार वाटिका और सोने की लंका का नाश करने की कथा का वर्णन है।
- – बार-बार हनुमान को शत-शत और कोटि-कोटि प्रणाम अर्पित किए गए हैं, जो उनकी महिमा को दर्शाता है।

भजन के बोल
अंजनी के लाल तुमको,
मेरा प्रणाम हो,
शत शत प्रणाम,
कोटि कोटि प्रणाम हो,
अँजनी के लाल तुमको,
मेरा प्रणाम हो ॥
रूद्र रूप में तुम हो शंकर,
अति रणबाकुर रूप भयंकर,
रूद्र रूप में तुम हो शंकर,
अति रणबाकुर रूप भयंकर,
कनक भूधरा तन को प्रणाम हो,
अँजनी के लाल तुमको,
मेरा प्रणाम हो ॥
सत योजन किया सागर पारा,
तुम्हरे बल को नहीं सुमारा,
सत योजन किया सागर पारा,
तुम्हरे बल को नहीं सुमारा,
तुम तो प्रभु अतुलित बलधाम हो,
अँजनी के लाल तुमको,
मेरा प्रणाम हो ॥
अक्षय मार वाटिका उजारि,
सोने की लंका पल में है जारी,
अक्षय मार वाटिका उजारि,
सोने की लंका पल में है जारी,
दुष्ट दलन तुम वीर हनुमान हो,
अँजनी के लाल तुमको,
मेरा प्रणाम हो ॥
अंजनी के लाल तुमको,
मेरा प्रणाम हो,
शत शत प्रणाम,
कोटि कोटि प्रणाम हो,
अँजनी के लाल तुमको,
मेरा प्रणाम हो ॥
भजन वीडियो
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