यो तो सबका बनावे बिगड्या काम,
सालासर का बालाजी ॥
मेहंदीपुर भी धाम अनोखो,
यो तो दुष्टा का खिंच लेवे प्राण,
मेहंदीपुर का बालाजी,
यो तो सबका बनावे बिगड्या काम,
सालासर का बालाजी ॥
हाथ में घोटो लाल लंगोटो,
महाबली थारो काम है मोटो,
यो तो आठों पहर जपे राम,
मेहंदीपुर का बालाजी,
यो तो सबका बनावे बिगड्या काम,
सालासर का बालाजी ॥
बालाजी थारो नाम है ठाडो,
संकट में बाबो आवे आडो,
थारा भक्त करे गुणगान,
मेहंदीपुर का बालाजी,
यो तो सबका बनावे बिगड्या काम,
सालासर का बालाजी ॥
‘संगीता’ थाने अर्जी सुनावे,
चूरमे को बाबा भोग लगावे,
थाने लाखो लाख प्रणाम,
मेहंदीपुर का बालाजी,
यो तो सबका बनावे बिगड्या काम,
सालासर का बालाजी ॥
अंजनी को लालो देव निरालो,
यो तो सबका बनावे बिगड्या काम,
सालासर का बालाजी ॥
भजन: अंजनी को लालो देव निरालो (विस्तृत व्याख्या)
भूमिका
यह भजन भगवान हनुमान के बालाजी स्वरूप की स्तुति करता है, जो हिंदू धर्म में संकटमोचक के रूप में पूजित हैं। यह भजन न केवल उनकी महिमा और शक्ति का वर्णन करता है, बल्कि उनकी करुणा, उनके धामों की महत्ता, और भक्तों के जीवन में उनकी उपस्थिति के महत्व को भी विस्तार से प्रस्तुत करता है।
अंजनी को लालो देव निरालो
गहन अर्थ:
भगवान हनुमान को “अंजनी का लाल” कहा गया है क्योंकि वे माता अंजनी के पुत्र हैं। इस पंक्ति में उनका एक विशेष संबंध प्रकट होता है – उनका मानवीय रूप, जिसमें वे माता-पिता के प्रति समर्पित पुत्र भी हैं।
- “देव निरालो” से उनका अद्वितीय स्वरूप सामने आता है। हनुमान जी न केवल शक्ति और साहस के प्रतीक हैं, बल्कि उनका सेवा भाव, विनम्रता, और भक्ति भी उन्हें अन्य देवताओं से अलग करता है।
- वे हर परिस्थिति में अपने भक्तों की सहायता करने वाले देवता हैं, जो न केवल भौतिक बाधाओं को दूर करते हैं, बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक समस्याओं को भी हल करते हैं।
सालासर थारो धाम है चोखो
गहन अर्थ:
सालासर बालाजी का धाम राजस्थान के चुरू जिले में स्थित है। यह स्थान लाखों भक्तों की आस्था का केंद्र है।
- “धाम है चोखो” से तात्पर्य है कि सालासर बालाजी का धाम एक पवित्र और अद्वितीय स्थान है, जहाँ जाने मात्र से भक्तों के कष्ट दूर होते हैं।
- यह स्थान उन लोगों के लिए विशेष महत्व रखता है, जो जीवन की कठिनाइयों से जूझ रहे हैं।
मेहंदीपुर भी धाम अनोखो
गहन अर्थ:
मेहंदीपुर बालाजी का धाम राजस्थान के दौसा जिले में स्थित है। यह धाम विशेष रूप से उन भक्तों के लिए प्रसिद्ध है, जो भूत-प्रेत बाधाओं और नकारात्मक ऊर्जाओं से परेशान होते हैं।
- “धाम अनोखो” से यह संकेत मिलता है कि यह धाम न केवल शक्ति का केंद्र है, बल्कि यहाँ दिव्य उपचार भी होता है।
- यहाँ परंपरागत रूप से भक्त अपनी समस्याओं के समाधान के लिए विशेष पूजा-अर्चना और अनुष्ठान करते हैं।
यो तो दुष्टा का खिंच लेवे प्राण
गहन अर्थ:
इस पंक्ति में बालाजी की एक और शक्ति का वर्णन है। वे न केवल दुष्ट शक्तियों का नाश करते हैं, बल्कि नकारात्मक विचारों और भावनाओं को भी दूर करते हैं।
- “दुष्टा” का अर्थ केवल बाहरी दुश्मनों से नहीं है, बल्कि यह हमारे भीतर की कमजोरियों, जैसे – डर, आलस्य, और लोभ का भी प्रतीक है।
- बालाजी इन सभी का नाश कर अपने भक्तों को सच्चे मार्ग पर चलने की प्रेरणा देते हैं।
हाथ में घोटो लाल लंगोटो
गहन अर्थ:
यह पंक्ति भगवान हनुमान के बालाजी स्वरूप का भौतिक चित्रण प्रस्तुत करती है।
- “घोटो” का अर्थ गदा से है, जो उनकी शक्ति और युद्ध कौशल का प्रतीक है। यह गदा केवल बाहरी शत्रुओं के नाश के लिए नहीं, बल्कि जीवन में आने वाली कठिनाइयों से लड़ने की प्रेरणा का भी प्रतीक है।
- “लाल लंगोटा” हनुमान जी की तपस्वी प्रवृत्ति और साधना का प्रतीक है। यह बताता है कि वे सांसारिक इच्छाओं से परे हैं और उनकी हर शक्ति भगवान राम की सेवा में समर्पित है।
महाबली थारो काम है मोटो
गहन अर्थ:
हनुमान जी को महाबली कहा गया है, क्योंकि वे अद्वितीय शारीरिक और आध्यात्मिक शक्ति के स्वामी हैं।
- “काम है मोटो” से यह संकेत मिलता है कि उनका कार्य केवल व्यक्तिगत स्तर पर नहीं है, बल्कि समग्र रूप से संसार के कल्याण के लिए है।
- उनकी शक्ति भक्तों के लिए प्रेरणा है कि वे भी अपने जीवन में बड़े लक्ष्य निर्धारित करें और उन पर ध्यान केंद्रित करें।
यो तो आठों पहर जपे राम
गहन अर्थ:
भगवान हनुमान का जीवन पूरी तरह से भगवान राम के प्रति समर्पित है। “आठों पहर” का अर्थ है हर समय, दिन-रात।
- यह उनके असीम भक्ति भाव को दर्शाता है। हनुमान जी का यह समर्पण उनके भक्तों को यह सिखाता है कि जीवन में भगवान या सत्य के प्रति संपूर्ण समर्पण होना चाहिए।
- यह पंक्ति यह भी बताती है कि हनुमान जी की हर शक्ति, हर कार्य भगवान राम के नाम से ही संचालित होता है।
बालाजी थारो नाम है ठाड़ो
गहन अर्थ:
“नाम है ठाड़ो” से तात्पर्य है कि बालाजी का नाम इतना शक्तिशाली है कि केवल उनका नाम लेने से ही संकट टल जाते हैं।
- यह पंक्ति भक्तों को विश्वास दिलाती है कि बालाजी सदा उनके साथ हैं।
- “ठाड़ो” शब्द उनकी अडिगता और स्थिरता का प्रतीक है, जो बताता है कि वे अपने भक्तों को कभी नहीं छोड़ते।
संकट में बाबो आवे आडो
गहन अर्थ:
यह पंक्ति दर्शाती है कि जब भक्त संकट में होते हैं, तो बालाजी उनकी सहायता के लिए तुरंत उपस्थित होते हैं।
- “आवे आडो” का अर्थ है कि वे अपने भक्तों की ढाल बनते हैं।
- यह पंक्ति उनके “संकटमोचन” स्वरूप को उजागर करती है, जो भक्तों को हर विपत्ति से बचाते हैं।
थारा भक्त करे गुणगान
गहन अर्थ:
यह पंक्ति बालाजी के प्रति भक्तों की भक्ति और कृतज्ञता को दर्शाती है।
- “गुणगान” का अर्थ है भगवान के गुणों और लीलाओं का स्मरण और उनका बखान करना।
- यह पंक्ति यह भी सिखाती है कि जब भक्त भगवान के प्रति आस्था और प्रेम व्यक्त करते हैं, तो यह न केवल उनके स्वयं के लिए आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग खोलता है, बल्कि दूसरों के लिए भी प्रेरणा बनता है।
- यह गुणगान केवल भजन के रूप में नहीं, बल्कि अपने जीवन के प्रत्येक कार्य में भगवान की महिमा को दर्शाने के रूप में भी किया जा सकता है।
‘संगीता’ थाने अर्जी सुनावे
गहन अर्थ:
यह पंक्ति भक्त और भगवान के बीच के व्यक्तिगत और गहरे संबंध को प्रकट करती है।
- “अर्जी सुनावे” का अर्थ है भगवान के समक्ष अपनी प्रार्थना प्रस्तुत करना।
- भक्त ‘संगीता’ का नाम प्रतीकात्मक है, जो दर्शाता है कि भगवान हनुमान सभी भक्तों की व्यक्तिगत प्रार्थनाओं को सुनते और उनका उत्तर देते हैं।
- यह भी संकेत करता है कि भगवान के साथ एक सीधा संवाद संभव है, जो हमें यह याद दिलाता है कि वे सजीव और करुणामय हैं।
चूरमे को बाबा भोग लगावे
गहन अर्थ:
भोग लगाने की यह परंपरा भगवान के साथ भक्तों के प्रेमपूर्ण संबंध को दर्शाती है।
- “चूरमा” राजस्थान का एक विशेष मीठा पकवान है, जो बालाजी को अर्पित किया जाता है।
- यह पंक्ति यह सिखाती है कि भगवान को जो कुछ भी अर्पित किया जाता है, वह केवल वस्त्र, भोजन या धन नहीं, बल्कि भक्त का प्रेम और समर्पण है।
थाने लाखो लाख प्रणाम
गहन अर्थ:
यह भक्त की ओर से भगवान के प्रति गहरी कृतज्ञता का भाव व्यक्त करता है।
- “लाखो लाख प्रणाम” में यह संकेत मिलता है कि भगवान का आभार शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता; यह केवल बार-बार समर्पण और धन्यवाद में दिखाया जा सकता है।
- यह पंक्ति यह भी सिखाती है कि भगवान के प्रति विनम्रता और सम्मान, सच्ची भक्ति के आवश्यक गुण हैं।
अंजनी को लालो देव निरालो
गहन व्याख्या (दोहराव में विशेषता):
भजन के आरंभ और अंत में यह पंक्ति दोहराई गई है। यह न केवल भगवान हनुमान के बालाजी स्वरूप की महिमा को रेखांकित करता है, बल्कि इस भजन की संरचना को भी विशिष्ट बनाता है।
- “अंजनी का लाल” हमें बार-बार यह याद दिलाता है कि भगवान हनुमान एक दिव्य पुत्र हैं, जिनका जन्म संसार के कल्याण के लिए हुआ।
- “देव निरालो” शब्द यह भी संकेत करता है कि वे हर परिस्थिति में अद्वितीय समाधान प्रदान करते हैं, चाहे वह समस्या भौतिक हो, मानसिक हो, या आध्यात्मिक।
समग्र विश्लेषण
भजन “अंजनी को लालो देव निरालो” केवल बालाजी महाराज की महिमा का गायन नहीं है, बल्कि यह भक्ति, आस्था और भगवान के प्रति पूर्ण समर्पण का पाठ भी सिखाता है।
- सालासर और मेहंदीपुर धाम का महत्व: यह भजन हमें इन धामों की आध्यात्मिक महत्ता को समझने में मदद करता है।
- भक्त-भगवान का संबंध: इस भजन में बालाजी और उनके भक्तों के बीच के प्रेमपूर्ण और करुणामय संबंध का वर्णन किया गया है।
- आध्यात्मिक प्रेरणा: यह भजन हमें यह सिखाता है कि जीवन में आने वाली किसी भी बाधा को विश्वास और समर्पण के माध्यम से पार किया जा सकता है।
संदेश और उपसंहार
भजन का अंतिम संदेश यही है कि भगवान बालाजी के प्रति श्रद्धा और भक्ति से भक्तों के सभी संकट समाप्त हो जाते हैं। यह भजन न केवल भगवान की महिमा को व्यक्त करता है, बल्कि भक्तों के लिए आध्यात्मिक ऊर्जा का स्रोत भी है।
- जो व्यक्ति बालाजी की आराधना करता है, वह न केवल बाहरी बाधाओं से, बल्कि अपने भीतर के संघर्षों से भी मुक्त हो सकता है।
- इस भजन के माध्यम से, भक्त अपने जीवन में सच्चाई, समर्पण और ईश्वर के प्रति निष्ठा का भाव विकसित कर सकते हैं।
अंततः यह भजन भगवान बालाजी की शक्ति, करुणा और भक्तों के प्रति उनकी असीम कृपा का अनमोल परिचायक है।
