मुख्य बिंदु
- – जीवन अनमोल है, लेकिन इसे व्यर्थ गँवाया जा रहा है और मंजिल का पता नहीं चल रहा।
- – सपनों में खोकर समय बर्बाद करना सही नहीं, क्योंकि जीवन अनिश्चित और क्षणभंगुर है।
- – कर्मों का फल अवश्य मिलता है, इसलिए अपने कर्मों पर ध्यान देना आवश्यक है।
- – ममता और मोह के बंधन कभी-कभी हमें दुखी करते हैं, जबकि सच्चा साथी केवल कर्म और भगवान हैं।
- – मन में भेदभाव और ईर्ष्या होने पर हम भगवान से दूर हो जाते हैं, इसलिए दिल को साफ रखना चाहिए।
- – जीवन की सच्ची खुशी और सफलता अपने अंदर भगवान को पहचानने और सही मार्ग पर चलने में है।

भजन के बोल
अनमोल तेरा जीवन,
यूँ ही गँवा रहा है,
किस ओर तेरी मंजिल,
किस ओर जा रहा है,
अनमोल तेंरा जीवन,
यूँ ही गँवा रहा है ॥
सपनो की नींद में ही,
यह रात ढल न जाये,
पल भर का क्या भरोसा,
कही जान निकल ना जाये,
गिनती की है ये साँसे,
यूँ ही लुटा रहा है ।
किस ओर तेरी मंजिल,
किस ओर जा रहा है,
अनमोल तेंरा जीवन,
यूँ ही गँवा रहा है ॥
जायेगा जब यहाँ से,
कोई ना साथ देगा,
इस हाथ जो दिया है,
उस हाथ जा के लेगा,
कर्मो की है ये खेती,
फल आज पा रहा है ।
किस ओर तेरी मंजिल,
किस ओर जा रहा है,
अनमोल तेंरा जीवन,
यूँ ही गँवा रहा है ॥
ममता के बन्धनों ने,
क्यों आज तुझको घेरा,
सुख में सभी है साथी,
कोई नहीं है तेरा,
तेरा ही मोह तुझको,
कब से रुला रहा है ।
किस ओर तेरी मंजिल,
किस ओर जा रहा है,
अनमोल तेंरा जीवन,
यूँ ही गँवा रहा है ॥
जब तक है भेद मन में,
भगवान से जुदा है,
खोलो जो दिल का दर्पण,
इस घर में ही खुदा है,
सुख रूप हो के भी तू,
दुःख आज पा रहा है ।
किस ओर तेरी मंजिल,
किस ओर जा रहा है,
अनमोल तेंरा जीवन,
यूँ ही गँवा रहा है ॥
अनमोल तेरा जीवन,
यूँ ही गँवा रहा है,
किस ओर तेरी मंजिल,
किस ओर जा रहा है,
अनमोल तेंरा जीवन,
यूँ ही गँवा रहा है ॥
