मुख्य बिंदु
- – माँ अपने बच्चों से मिलने सिंह पर सवार होकर आई है, जो खुशियों और प्रेम का प्रतीक है।
- – माँ की ममता, करुणा और प्रेम बच्चों के लिए अनमोल खजाना है जो सभी दुखों को मिटा देता है।
- – माँ की उपस्थिति से घर में खुशियों की बहार आती है, सभी बच्चे मिलकर नाच-गाना करते हैं।
- – माँ की लाल चुनर और चूड़ा उसकी सुंदरता और पवित्रता को दर्शाते हैं।
- – बच्चों को माँ के चरणों में जाकर अपने दिल की बातें बतानी चाहिए ताकि वे हमेशा खुश और आशीर्वादित रहें।
- – माँ हर दिल में बसती है और उसकी कृपा से जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।

भजन के बोल
माँ को मनालो दिल से रिझालो,
देखो खुशियो की बेला है आई,
आई रे आई होके सिंह पे सवार,
अपने बच्चो से मिलने माँ आई,
अपने बच्चों से मिलने माँ आई ॥
सुन के पुकार आई बच्चो के द्वार,
देखो खुशियां लुटाने है आई,
भूलो सारे गम होके मस्त मलंग,
सब झूमो नाचो गाओ बधाई,
बजी खुशियो की ताल,
जिसपे झूमा संसार,
कही प्रेम श्रद्धा की शहनाई,
आई रे आई होके सिंह पे सवार,
अपने बच्चों से मिलने माँ आई ॥
चूड़ा भी लाल मां की चुनर भी लाल,
बड़ी प्यारी लगे मैया रानी,
मैया के नैनो से करुणा बहे,
मां तो ममता की मूरत सुहानी,
बच्चो की प्यारी,
मां तो है जग से न्यारी,
वो तो हर एक के दिल में समाई,
आई रे आई होके सिंह पे सवार,
अपने बच्चों से मिलने माँ आई ॥
मत हो उदास मां के चरणों के पास,
जाके अपने तू दिल की सुनाना,
मिट जाए तेरे सारे दिल के जख्म,
मां लुटा देगी प्यार का खजाना,
‘श्यामां’ की अर्जी ना करू खुदगर्जी,
मेरे सर पर हो कृपा सदा ही,
आई रे आई होके सिंह पे सवार,
अपने बच्चों से मिलने माँ आई ॥
माँ को मनालो दिल से रिझालो,
देखो खुशियो की बेला है आई,
आई रे आई होके सिंह पे सवार,
अपने बच्चो से मिलने माँ आई,
अपने बच्चों से मिलने माँ आई ॥
