मुख्य बिंदु
- – गीत में गजानन (भगवान गणेश) के प्रति गहरा प्रेम और भक्ति व्यक्त की गई है।
- – कवि का पूरा दिल और मन गजानन के रंग में रंग गया है, और उसने अपने आप को पूरी तरह समर्पित कर दिया है।
- – अंधेरी रात और कठिनाइयों के बीच गजानन को अपना सहारा और किनारा बताया गया है।
- – गजानन के दर्शन और नाम जपने से जीवन में सुख और शांति का अनुभव होता है।
- – सांसों की माला अर्पित कर, कवि अपनी भक्ति और प्रेम को प्रकट करता है।
- – गजानन के बिना जीवन अधूरा और तड़पता हुआ बताया गया है, जो उनकी महत्ता को दर्शाता है।

भजन के बोल
अपने रंग रंगलो गजानन,
दिल तुम्हारा हो गया,
दिल तुम्हारा हो गया देवा,
दिल तुम्हारा हो गया,
कुछ रहा ना मुझ में मेरा,
सब तुम्हारा हो गया,
अपने रंग रंगलों गजानन,
दिल तुम्हारा हो गया ॥
हर तरफ काली घटाएँ,
छाई अँधेरी रात थी,
बिच भंवर डोली थी नैया,
तू किनारा हो गया,
अपने रंग रंगलों गजानन,
दिल तुम्हारा हो गया ॥
हर जपूँ मैं नाम तेरा,
तेरी चोखट मिल जाए,
तुमने रख दिया हाथ सिर पे,
क्या नज़ारा हो गया,
अपने रंग रंगलों गजानन,
दिल तुम्हारा हो गया ॥
सांसो की माला बना के,
अर्पण कर दूँ मैं तुझे,
जबसे देखि सूरत ये तेरी,
जग से प्यारा हो गया,
अपने रंग रंगलों गजानन,
दिल तुम्हारा हो गया ॥
मूषक चढ़ आओ ओ देवा,
मन में दरश की प्यास जगी,
‘अर्चू’ तड़पे है तुम बिन,
जान से प्यारा हो गया,
अपने रंग रंगलों गजानन,
दिल तुम्हारा हो गया ॥
अपने रंग रंगलो गजानन,
दिल तुम्हारा हो गया,
दिल तुम्हारा हो गया देवा,
दिल तुम्हारा हो गया,
कुछ रहा ना मुझ में मेरा,
सब तुम्हारा हो गया,
अपने रंग रंगलों गजानन,
दिल तुम्हारा हो गया ॥
