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मुख्य बिंदु
- – यह गीत भगवान श्रीराम की महिमा और उनकी शरण में आने की प्रेरणा देता है।
- – अजामिल जैसे महापापी को भी भगवान की शरण मिलने पर मोक्ष प्राप्त हुआ।
- – युद्ध में गजराज (हाथी) हार गया, तब उसने नंद किशोर (राम) से सहायता मांगी।
- – प्रहलाद को हिरणाकुश ने खंभे से बांधा था, तब उसने भगवान से शरण मांगी।
- – भगवान राम को अवध बिहारी, गिरवर धारी, संकट हारी, सुदर्शन धारी आदि नामों से पुकारा गया है।
- – यह गीत भक्तों को भगवान राम की शरण में आने और उनके संरक्षण का अनुभव करने के लिए प्रेरित करता है।

भजन के बोल
अवध बिहारी हो,
हम आए शरण तिहारी,
गिरवर धारी हो,
हम आए शरण तिहारी ॥
महापातकी रहा अजामिल,
उसे मिला सुरधाम,
नारायण आ गए लिया जब,
पुत्र का अपने नाम,
संकट हारी हो,
आया शरण तिहारी,
अवध बिहारी हों,
हम आए शरण तिहारी ॥
जब जल में गजराज ग्राह में,
युद्ध हुआ घनघोर,
हार गया गज तो बोला,
दौड़ो नंद किशोर,
सुदर्शन धारी हो,
आया शरण तिहारी,
अवध बिहारी हों,
हम आए शरण तिहारी ॥
हिरणाकुश प्रहलाद को जब,
बाँधा खंबे के साथ,
तब बोला प्रहलाद कहाँ हो,
आओ दीनानाथ,
शरण हितकारी हो,
आया शरण तिहारी,
अवध बिहारी हों,
हम आए शरण तिहारी ॥
अवध बिहारी हो,
हम आए शरण तिहारी,
गिरवर धारी हो,
हम आए शरण तिहारी ॥
भजन वीडियो
अस्वीकरण (Disclaimer) : नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष आदि विषयों पर HinduismFAQ में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। 'HinduismFAQ' इसकी कोई ज़िम्मेदारी नहीं लेती है।
