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भजन: बच्चो से कभी मैया, यूँ रहती दूर नहीं – Bachchon Se Kabhi Maiya Yun Rahti Dur Nahi – Bhajan: Bachcho Se Kabhi Maiya, Yun Rahti Dur Nahi – Hinduism FAQ

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मुख्य बिंदु

  • – यह कविता माँ और बच्चों के बीच की गहरी भावनात्मक दूरी को दर्शाती है।
  • – बच्चे माँ से दूर रहकर बहुत दुखी और मजबूर महसूस करते हैं।
  • – बच्चों की आँखें माँ के दर्शन के लिए तरसती हैं और वे हर पल माँ की याद में बरसती हैं।
  • – बच्चे माँ से जुदाई का दर्द सहन नहीं कर पाते और माँ से पुनः मिलने की विनती करते हैं।
  • – कविता में माँ से अपील की गई है कि वह बच्चों से दूर न रहें क्योंकि यह बच्चों के लिए अत्यंत कष्टदायक है।
  • – यह कविता माँ और बच्चों के बीच प्रेम, मजबूरी और जुड़ाव की भावनाओं को सुंदरता से प्रस्तुत करती है।

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भजन के बोल

बच्चो से कभी मैया,
यूँ रहती दूर नहीं,
हम तो मजबूर है माँ,
तुम तो मजबूर नहीं,
बच्चों से कभी मैया ॥
तेरे दर्श को मेरी माँ,
मेरे नैन तरसते है,
रुकते नहीं पलभर भी,
दिन रात बरसते है,
तुमसे हम दूर रहे,
दिल को मंजूर नहीं,
हम तो मजबूर है माँ,
तुम तो मजबूर नहीं,
बच्चों से कभी मैया ॥
लेनी है परीक्षा तो,
माँ और कोई ले ले,
गम तेरी जुदाई का,
हम कैसे बता झेले,
बच्चो को तड़पाना,
तेरा दस्तूर नहीं,
हम तो मजबूर है माँ,
तुम तो मजबूर नहीं,
बच्चों से कभी मैया ॥
आजा मेरी मैया,
नहीं और सहा जाए,
जीवन का भरोसा क्या,
कही देर ना हो जाए,
दिल टूट के ‘सोनू’ का,
हो जाए चूर नहीं,
हम तो मजबूर है माँ,
तुम तो मजबूर नहीं,
बच्चों से कभी मैया ॥
बच्चो से कभी मैया,
यूँ रहती दूर नहीं,
हम तो मजबूर है माँ,
तुम तो मजबूर नहीं,
बच्चों से कभी मैया ॥

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