मुख्य बिंदु
- – यह गीत माँ के प्रति श्रद्धा और कृतज्ञता व्यक्त करता है, जो दयालु होकर भक्तों के दुःख दूर करती हैं।
- – माँ को मंगल करनी, चिंता हरनी और जग की जननी के रूप में पूजा गया है।
- – माँ की पवित्रता और दया को गंगा जल और सावन की तरह शुद्ध और जीवनदायिनी बताया गया है।
- – माँ के चरणों में खुशियाँ और सुख की प्राप्ति होती है, जो हर मुश्किल को आसान बना देते हैं।
- – माँ का नाम जादू और अमृतधारा के समान है, जो जीवन में चमत्कार और आशा लाता है।
- – बार-बार माँ को नमन और धन्यवाद दिया गया है, क्योंकि उन्होंने भक्तों के दुःख दूर किए हैं।

भजन के बोल
बड़े तुम्हारे है उपकार मैया,
तुमने जो होके दयाल,
हमारे दुःख दूर किए है ॥
बड़े तुम्हारे है उपकार मैया,
करके हमारा भी खयाल,
हमारे दुःख दूर किए है ॥
तू है मंगल करनी माँ,
तू ही चिंता हरनी माँ,
सारे जग में धूम तेरी,
तू है जग की जननी माँ,
गंगा जल सी पावन हो,
भक्तो की मन भावन हो,
सूखे नीरस जीवन में,
तुम ही दया का सावन हो,
ऋणी तुम्हारा है संसार मैया,
तुमने जो होके दयाल,
हमारे दुःख दूर किए है ॥
चरण तुम्हारे पड़े जहाँ,
खुशियां बरसे सदा वहां,
नजर दया की पड़ते ही,
हर मुश्किल हो जाए आसां,
जादू नाम तुम्हारा माँ,
तुम हो अमृत धारा माँ,
कंकड़ को जब छूती हो,
बने गगन का तारा माँ,
तुमको नमस्कार सौ बार मैया,
तुमने जो होके दयाल,
हमारे दुःख दूर किए है ॥
बड़े तुम्हारे है उपकार मईया,
तुमने जो होके दयाल,
हमारे दुःख दूर किए है ॥
बड़े तुम्हारे है उपकार मईया,
करके हमारा भी खयाल,
हमारे दुःख दूर किए है ॥
