मुख्य बिंदु
- – यह गीत प्रभु राम के प्रति गहरे प्रेम और भक्ति की अभिव्यक्ति है, जिसमें विरह के क्षणों को मिलन में बदलने की आशा व्यक्त की गई है।
- – शबरी, केवट, जटायु, अहिल्या जैसे भक्तों की कथाओं का उल्लेख कर विश्वास जताया गया है कि राम स्वयं अवश्य मिलेंगे।
- – रघुवर के दर्शन के लिए दृढ़ संकल्प और उनकी चरणों में लिपट जाने की भावना प्रकट की गई है।
- – प्रभु से कृपा की प्रार्थना की गई है ताकि सभी मनोकामनाएं पूरी हों और स्वप्न साकार हो सकें।
- – प्रेम और भक्ति की गहराई को दर्शाते हुए कहा गया है कि प्रभु के प्रेम के आंसू अंततः उनके रूठे होने को भी पिघला देंगे।

भजन के बोल
बड़ी आशा लगाए निहारे तुम्हे,
क्षण विरह के मिलन में बदल जाएंगे,
नाथ कबतक रहेंगे रूठे भला,
देखकर प्रेम आंसू पिघल जाएंगे,
बड़ी आशा लगाये निहारें तुम्हे,
क्षण विरह के मिलन में बदल जाएंगे ॥
शबरी केवट जटायु अहिल्या आदि के,
पास पहुंचे स्वयं वो अवध छोड़कर,
ये है गाथाएं सच तो भरोसा हमें,
ये है गाथाएं सच तो भरोसा हमें,
खुद-ब-खुद नाथ आकर के मिल जाएंगे,
नाथ कबतक रहेंगे रूठे भला,
देखकर प्रेम आंसू पिघल जाएंगे ॥
दर्शन देने रघुवर जी आएँगे जब,
हम ना मानेंगे अपनी चलाए बिना,
जाने ना देंगे वापस किसी शर्त पर,
जाने ना देंगे वापस किसी शर्त पर,
पद कमल को पकड़कर मचल जाएंगे,
नाथ कबतक रहेंगे रूठे भला,
देखकर प्रेम आंसू पिघल जाएंगे ॥
फिर सुनाएंगे खोटी खरी आपको,
और पूछेंगे देरी लगाई कहाँ,
फिर निवेदन करेंगे ना छोड़ो हमें,
फिर निवेदन करेंगे ना छोड़ो हमें,
प्रभु चरणों में हम सब लिपट जाएंगे,
नाथ कबतक रहेंगे रूठे भला,
देखकर प्रेम आंसू पिघल जाएंगे ॥
स्वप्न साकार होगा तभी राम जी,
हम पे हो जाए थोड़ी कृपा आपकी,
पूर्ण कर दो मनोरथ हम सब के,
पूर्ण कर दो मनोरथ हम सब के,
जाने कब प्राण तन से निकल जाएंगे,
बड़ी आशा लगाये निहारें तुम्हे,
क्षण विरह के मिलन में बदल जाएंगे ॥
बड़ी आशा लगाए निहारे तुम्हे,
क्षण विरह के मिलन में बदल जाएंगे,
नाथ कबतक रहेंगे रूठे भला,
देखकर प्रेम आंसू पिघल जाएंगे,
बड़ी आशा लगाये निहारें तुम्हे,
क्षण विरह के मिलन में बदल जाएंगे ॥
