मुख्य बिंदु
- – माँ शारदा की महिमा और सुंदरता का वर्णन किया गया है, जो हजारों में अद्वितीय है।
- – लाल ध्वजा, चुनरिया, चूड़ियां और फूलों की माला माँ शारदा की भव्यता को दर्शाती हैं।
- – माँ शारदा के दर्शन के लिए भक्तों की तीव्र इच्छा और लंबा रास्ता तय करने की भावना व्यक्त की गई है।
- – माँ शारदा को विद्या की देवी, करुणामयी और जग कल्याणी के रूप में पूजा जाता है।
- – गायक विष्णु सोनी ने माँ शारदा की महिमा का बखान किया है और भक्तों की संख्या हजारों में बताई है।
- – माँ शारदा की कृपा और आशीर्वाद पाने के लिए भक्त शरण में आते हैं।

भजन के बोल
बैठी पहाड़ों में माँ शारदा,
तेरी महिमा का क्या कहना,
है भुवन हजारों में……
लाल ध्वजा आल्हा उदल लहराए,
लाल चुनरिया मन को लुभाये,
लाल लाल चूड़ियां माँ को भाये,
लाल लाल फूलों की माला लुभाये,
सोला सृंगारों में माँ शारदा,
गायक विष्णु सोनी जबलपुर
तेरी मूरत का क्या कहना,
तेरी सूरत हजारों में।
ऊँची ऊँची सीढ़ियां लम्बा लम्बा रस्ता,
माँ के दर्शन को मन है तरसता,
अम्बर में उड़ता है उड़न खटोला,
लाये ले जाये भक्तों का टोला,
रंग बहारों में माँ शारदा,
रंग बहारों में मेरी नजर नहीं हटती,
आनंद हजारों में।
विद्या की देवी माँ तुम वीणा पाणी,
महिमा तुम्हारी है विष्णु बखानी,
कंठ विराजो माँ स्वर महारानी,
करुणा मयी माँ जग कल्याणी,
कर दो कृपा मेरी माँ आये है शरण तेरी,
तेरे भक्त हजारों में,
हम भक्त हजारों में।
बैठी पहाड़ों में माँ शारदा,
तेरी महिमा का क्या कहना,
है भुवन हजारों में….
