मुख्य बिंदु
- – यह गीत बजरंग बाला (हनुमान जी) की महिमा और शक्ति का गुणगान करता है।
- – हनुमान जी ने लंका में जाकर राक्षसों का संहार किया और रघुवर (राम) के लिए विजय का डंका बजाया।
- – वे अपने भक्तों की रक्षा करते हैं और दुःख व तंगी से उन्हें मुक्त करते हैं।
- – त्रेता, द्वापर और कलयुग में हनुमान जी सभी कालों के रक्षक हैं और ‘कुंदन’ परिवार के संरक्षक माने जाते हैं।
- – पूरे विश्व में बजरंग बाला की चर्चा और उनकी भक्ति का प्रभाव फैला हुआ है।

भजन के बोल
बाज रहा डंका दुनिया में,
बजरंग बाला का,
अरे लहरें लाल पताका,
माँ अंजनी के लाला का,
बाज रहा डंका दुनियाँ में,
बजरंग बाला का ॥
लंका में घुसकर डंका,
रघुवर का खूब बजाया था,
एक से एक ताक़तवर,
राक्षस को भी धुल चटाया था,
इस राम दूत से पड़ा था जो,
इन सबका पाला था,
अरे लहरें लाल पताका,
माँ अंजनी के लाला का,
बाज रहा डंका दुनियाँ में,
बजरंग बाला का ॥
तेरी शरण जो आया तूने,
उसको संभाला बजरंगी,
तुझसे घबराकर के भागे,
दुःख की छाया और तंगी,
तुमने अपने भक्तों का,
हल झट से निकाला था,
अरे लहरें लाल पताका,
माँ अंजनी के लाला का,
बाज रहा डंका दुनियाँ में,
बजरंग बाला का ॥
त्रेता द्वापर और इस कलयुग का,
इकलौता तू रक्षक,
‘कुंदन’ के परिवार का पालक,
और तू ही है संरक्षक,
है सबकी ज़ुबाँ पे चर्चा,
इस रघुवर मतवाला का,
अरे लहरें लाल पताका,
माँ अंजनी के लाला का,
बाज रहा डंका दुनियाँ में,
बजरंग बाला का ॥
बाज रहा डंका दुनिया में,
बजरंग बाला का,
अरे लहरें लाल पताका,
माँ अंजनी के लाला का,
बाज रहा डंका दुनियाँ में,
बजरंग बाला का ॥
