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भजन: बालाजी मने राम मिलन की आस – Shri Hanuman Bhajan: Balaji Mane Ram Milan Ki Aas – Bhajan: Balaji Mane Ram Milan Ki Aas – Shri Hanuman Bhajan: Balaji Mane Ram Milan Ki Aas – Hinduism FAQ

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मुख्य बिंदु

  • – बालाजी को राम से मिलने की तीव्र इच्छा है और वे जानना चाहते हैं कि कब यह मिलन होगा।
  • – शबरी ने राम का स्मरण किया था, लेकिन रामनगरी छोड़कर आ गई, जिससे मिलन की प्रतीक्षा बढ़ गई।
  • – सुग्रीव राजा के कारण मित्रता और याराना हुआ, और बाली की मृत्यु से भी राम से जुड़ाव मजबूत हुआ।
  • – रावण के भाई विभीषण ने राम के साथ रहना चुना, जो दक्षिण दिशा में स्थित था।
  • – पूरे गीत में बार-बार बालाजी की राम से मिलने की आस और इंतजार की भावना व्यक्त की गई है।

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भजन के बोल

बालाजी मने राम मिलन की आस,
बतादो कद* मिलवाओगे ।
बालाजी मने राम मिलन की आस,
बतादो कद मिलवाओगे ।
राम रटा था जब शबरी ने,
छोड़कें# आए रामनगरी ने ।
आए वह रघुनंदन के दास,
बतादो कद मिलवाओगे ।
बालाजी मने राम मिलन की आस,
बतादो कद मिलवाओगे ।
सुग्रीव राजा ने जमाना,
तेरे कारण हुया याराना ।
ओ.. बाली की काटी सास+,
बतादो कद मिलवाओगे ।
बालाजी मने राम मिलन की आस,
बतादो कद मिलवाओगे ।
रावण का वो भाई विभीषण,
रहा करें वह दिशा दक्षिण ।
अरे.. वो रहा राम के पास,
बतादो कद मिलवाओगे ।
बालाजी मने राम मिलन की आस,
बतादो कद मिलवाओगे ।
बालाजी मने राम मिलन की आस,
बतादो कद मिलवाओगे ।
*कद = कब
#छोड़कें: छोड़कर
+सास: साँस / श्वांश

भजन वीडियो

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